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अफगानिस्तान में तालिबान का राज आने के बाद सबसे ज्यादा संकट महिलाओं के अधिकारों पर है
अफगानिस्तान में तालिबान का राज आने के बाद सबसे ज्यादा संकट महिलाओं के अधिकारों पर है। जगह-जगह महिलाओं के साथ घटनाएं हो रही हैं। इन सबके बीच नई सरकार के गठन से पहले हेरात में अपनी जान जोखिम में डालकर तमाम महिलाओं ने गवर्नर कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। उनकी मांग थी कि सरकार में महिलाओं की पर्याप्त राजनीतिक भागेदारी हो। उन्हें कैबिनेट, लोया जिरगा और एल्डर कमेटियों में स्थान दिया जाए।
रैली का आयोजन करने वाली फ्रीबा काबरजानी ने बताया कि अफगान महिलाओं ने बीस साल में जो कुछ भी हासिल किया है, उसके लिए उन्होंने बहुत त्याग किया है। इन बीस सालों में महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ी हैं। ऐसी स्थिति में तालिबान को महिला अधिकारों की सुरक्षा का आश्वासन देते हुए सत्ता में भी हिस्सेदारी देनी चाहिए। हम चाहते हैं कि पूरी दुनिया हमें सुने और हमारे अधिकार सुरक्षित रहें। प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना था कि हम अफगानिस्तान की सभी महिलाओं की तरफ से अपनी बात तालिबान तक पहुंचा रहे हैं। इस मार्च में तमाम अन्य महिलाएं भी शामिल होना चाहती थीं, लेकिन उनके परिवारों ने इसके लिए अनुमति नहीं दी। हालांकि यह महिलाएं अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना प्रदर्शन में भाग लेना चाहती थीं।
एक अन्य प्रदर्शनकारी महिला मरयम अबराम ने कहा कि तालिबान के सत्ता में बैठने के बाद उनके नेता टेलीविजन पर अच्छे भाषण दे रहे हैं, लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर उनके आदमी सत्ता का दुरुपयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं। हमने उन्हें फिर से महिलाओं की पिटाई करते हुए देखा है। मरयम ने कहा कि उनके प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेंगे। तालिबान चाहता है कि हम चुपचाप घर बैठें, लेकिन ऐसा नहीं होगा।
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