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ताकतवर हुआ तालिबान, अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज जाने पर मिले ये घातक हथियार

Rounak Dey
18 Aug 2021 7:25 AM GMT
ताकतवर हुआ तालिबान, अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज जाने पर मिले ये घातक हथियार
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क्रेडिट - AFP  

अफगानिस्तान पर तालिबान का राज कायम हुआ तो सवालों के घेरे में सबसे पहले अमेरिका आया. हर तरफ से आवाज उठने लगी अमेरिका ने अफगानिस्तान से सेना को वापस क्यों बुलाया. आलोचनाओं का जवाब देने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन खुद सामने आए और साफ कह दिया कि हम फेल नहीं हुए हैं, अफगान लीडरशिप और सेना ने हाथ खड़े किए हैं. बाइडेन ने ये भी कहा कि हमने तो अफगान सेना पर बड़ा खजाना खर्च किया, उन्हें ट्रेनिंग दी, हथियार दिए. अमेरिका ने अफगान सेना को जितना भी दिया, वो उसके काम नहीं आया और तालिबान ने अपनी ताकत से अफगानिस्तान की गद्दी हासिल कर ली. इतना ही नहीं, बाइडेन ने अफगान सेना को जो हथियार देने की बात की है, वो हथियारों का जखीरा भी अब तालिबान के काम आ रहा है.

इसका नतीजा ये हुआ है कि बैठे-बिठाए तालिबान अब कई गुना ताकतवर हो गया है. अमेरिकी फौज अत्याधुनिक हथियारों का जखीरा अफगानिस्तान में छोड़कर चली गई है. अब सबकुछ तालिबान के हाथ में है. टैंक से लेकर बख्तरबंद गाड़ियां और तोप, हेलिकॉप्टर से लेकर राइफलें तक, तमाम अत्याधुनिक वेपंस अब तालिबान के लोग इस्तेमाल करेंगे.

तालिबान को मिले ये हथियार

- 44 दमदार टैंक

- 1016 बख्तरबंद गाड़ियां

- कम से कम 775 तोपें

- लैंडमाइन से बचाने वाले 20 वाहन

यानी सैकड़ों बख्तरबंद गाड़ियां और मशहूर HUMVEES (हम्वीज़) तालिबानियों के हाथ में आ चुकी हैं. इसका मतलब ये है कि तालिबानी बिलकुल उसी तरह से मूवमेंट कर पाएंगे जिस तरह की मूवमेंट सेनाएं करती हैं. तालिबान के हाथ जो तोपें आई हैं उनमें अमेरिका की US 155mm M114A1 howitzer तोपें हैं. ऐसी 24 तोपें अमेरिका ने अफगान सेना को दी थीं. अमेरिका की Maxxpro माइन प्रोटेक्टेड गाड़ियां भी तालिबान के लड़ाकों को मिल गई हैं जिनकी मदद से तालिबान पहले के मुकाबले और ज़्यादा खतरे उठा सकता है.

न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से एक जानकारी दी है कि अफगानिस्तान इस्लामिक टेररिज्म का पहला केंद्र बन सकता है, जिनके पास स्टेट है और सभी हथियारों तक पहुंच है जो अमेरिका ने सप्लाई किए थे. अफगान नेशनल आर्मी के 3 लाख से ज्यादा हथियार भी तालिबान के पास हैं. इस तरह अमेरिका फौज जाते-जाते तालिबान की झोली में ऐसे हथियार डाल गई है जो उसकी सैन्य ताकत को पहले से कई गुना बढ़ा देंगे. तालिबान को ऐसे हथियार मिले हैं जो उसके पास पहले नहीं थे. तालिबान के लड़ाके खुली गाड़ियों में नजर आते थे, बाइकों पर नजर आते थे, लेकिन अब वो बख्तरबंद गाड़ियों में दिखाई दे रहे हैं.

सेना पर कितना खर्च किया

एक मीडिया रिपोर्ट के हिसाब से अफगानिस्तान में अमेरिका ने साल 2001 से अब तक करीब 2.26 लाख करोड़ डॉलर खर्च किया है. एपी ने एक अफगान ऑफिसर के हवाले से लिखा है कि अमेरिका ने सिर्फ अफगानिस्तान की सेना और पुलिस फोर्स को खड़ा करने के लिए करीब 83 बिलियन डॉलर खर्च किए हैं. इतना खर्च करने बावजूद आखिरकार अफगान सेना पस्त हो गई. तालिबान के लड़ाकों ने पारंपरिक ढंग से लड़कर बाजी जीत ली और अब उन्हें अपनी सत्ता आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी हथियारों का सहारा भी मिल गया है.

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