अफगानिस्तान की सत्ता हथियाने के बाद तालिबान ने पहली बार दुनिया को राहत देने वाला कदम उठाते हुए अफीम की खेती पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इन दिनों पूरे अफगानिस्तान में किसान अफीम के लिए खेत तैयार करने में जुटे हैं। अफगानिस्तानी अफीम से बनी हेरोइन पूरी दुनिया में सप्लाई की जाती है।
तालिबान ने किसानों के लिए जारी आदेश में चेतावनी दी है कि अफीम की फसल उगाई तो खेत को जलाकर उन्हें जेल भेजा जाएगा। इस प्रतिबंध ने तालिबान के 1990 के शासनकाल की याद ताजा कर दी है। उस समय भी अफीम की खेती प्रतिबंधित थी। तालिबान के अफीम की खेती पर प्रतिबंध लगाने की संयुक्त राष्ट्र ने पुष्टि की है।
इससे पहले 2001 में देश के किसानों ने अनाज की खेती बंद कर दी थी। कारण यह था कि लगातार युद्ध के कारण देश का आधारभूत ढांचा बर्बाद हो गया था। अनाज को मंडियों तक पहुंचाना मुश्किल था।
इसके बाद अफीम छोटे किसानों की आय का मुख्य साधन बन गया था। इससे वे एक महीने में तीन हजार रुपये तक कमा लेते थे। अब अफगानिस्तान दुनिया में अफीम का सबसे बड़ा उत्पादक है। तालिबान के सत्ता कब्जाने से पहले यहां सालभर में 6000 टन से ज्यादा अफीम का उत्पादन होता था। संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों के मुताबिक, इससे 320 टन शुद्ध हेरोइन बनती थी।