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तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा पर लगाई रोक, विश्व बैंक ने टाली 60 करोड़ डालर की योजना

Kunti Dhruw
30 March 2022 12:42 PM GMT
तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा पर लगाई रोक, विश्व बैंक ने टाली 60 करोड़ डालर की योजना
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काबुल, लड़कियों के सेकेंड्री स्कूल जाने पर तालिबान के प्रतिबंध लगाते ही विश्व बैंक ने अफगानिस्तान के 60 करोड़ डालर (करीब 45.53 अरब रुपये) की चार परियोजनाओं पर फिलहाल रोक लगा दी है। इन परियोजनाओं से अफगानिस्तान में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और जीविकोपार्जन के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों की ओर से काम किया जाना था।

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने इसे अंजाम देने की तैयारी कर ली थी। लेकिन अब विश्व बैंक का कहना है कि मंजूरी के लिए इन चारों परियोजनाओं को पहले एआरटीएफ दानकार्ताओं के समक्ष पेश किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते तालिबान के लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध लगाने के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने तालिबान के साथ दोहा में होने वाली बैठक रद कर दी थी। जबकि एक मार्च को ही विश्व बैंक ने एआरटीएफ फंड को एक अरब डालर से अधिक की रकम इन परियोजनाओं के लिए इस्तेमाल करने को मंजूरी दी थी। विगत शुक्रवार को अमेरिका और ब्रिटेन समेत दस देशों ने तालिबान के इस धोखे की कड़ी निंदा की थी।
अमेरिका ने किया था विरोध

अमेरिकी विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन ने लड़कियों के लिए माध्यमिक विद्यालयों को बंद करने पर तालिबान की कड़ी आलोचना की और प्रतिबंध के समर्थन में दी गई उसकी दलील को खारिज कर दिया। ब्लिंकन ने कहा, 'शिक्षा मानव का अधिकार है। तालिबान ने वादा किया था कि लड़कियों को सभी स्तर की शिक्षा की अनुमति दी जाएगी। वह अपने वादों से मुकर गया है। लड़कियां व महिलाएं माध्यमिक स्कूलों में पहुंच रही हैं और उन्हें यह कहते हुए लौटा दिया जा रहा है कि अगली सूचना तक वे स्कूल न आएं।' उन्होंने कहा कि अमेरिका उन लड़कियों व उनके परिवारों के साथ है, जो शिक्षा को अफगानिस्तान की तरक्की और संपन्नता का जरिया मानते हैं।


सरकारी कर्मचारियों के लिए तालिबान का निर्देश

तालिबान ने सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए निर्देश जारी किया है। इसमें दाढ़ी के साथ स्थानीय कपड़े जिसमें लंबा और ढीला कुर्ता व पायजामे के साथ टोपी या इमामा (hat or turban) पहनना अनिवार्य किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वर्करों को यह कह दिया गया है कि ड्रेस कोड का पालन नहीं करने पर उन्हें कार्यालयों के परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी और तो और नौकरी से भी निकाला जा सकता है।


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