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महिलाओं के लिए तालिबान ने किया वर्जित
काबुल, एएनआइ। अफगानी महिलाओं पर प्रतिबंध की अगली कड़ी में तालिबान ने हमाम में जाने पर रोक लगा दी है। उत्तरी अफगानिस्तान के बल्ख और उज्बेकिस्तान की सीमाओं से लगे इस क्षेत्र में अब सार्वजनिक स्नानगृहों में महिलाओं का प्रवेश वर्जित होगा। मुस्लिम जगत में पुराने समय से हमाम का चलन है जिसमें महिलाएं भी शामिल होती रही हैं। लेकिन अब इस्लामी शिक्षाओं के नाम पर उन्हें इससे अलग किया जा रहा है।
खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान के तालिबानी शासन ने अफगानी महिलाओं पर सार्वजनिक स्नान गृहों में जाना पूरी तरह से निषिद्ध कर दिया है। तालिबान के मुताबिक धार्मिक विद्वानों ने एकमत होकर यह फैसला लिया है। अब अफगानी महिलाएं स्नान के लिए केवल निजी बाथरूम का ही इस्तेमाल कर सकेंगी। चूंकि उन्हें इस्लामी हिजाब का पालन करना है जो हमाम में संभव नहीं होगा। बल्ख प्रांत के धार्मिक विद्वानों के अनुसार सभी धार्मिक विद्वानों से विचार-विमर्श के बाद ही यह फैसला लिया गया है।
इन दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि चूंकि हरेक घर में आधुनिक बाथरूम नहीं होते हैं इसलिए पुरुषों को हमाम में जाने की छूट होगी, लेकिन हिजाब के पालन के चलते महिलाओं को निजी बाथरूम का ही इस्तेमाल करना होगा। इसके अलावा, कम आयु के लड़कों को भी हमाम में जाने की इजाजत नहीं होगी। उनके बाडी मसाज कराने पर भी रोक रहेगी।
तालिबान के बाड़ हटाने पर पाक चिंतित
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान के तालिबान नेतृत्व से पाकिस्तान ने अत्यधिक संयम बरतते हुए अपनी चिंता जाहिर की है ताकि दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव न हो। हालांकि अगले 24 घंटे में पाकिस्तान इस संबंध में एक औपचारिक बयान जारी करेगा। वैसे अनौपचारिक वक्तव्य में पाकिस्तान ने कहा कि कई हफ्तों से पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर स्थानीय तालिबान ने पाकिस्तान की लगाई बाड़ को उखाड़ दिया है। पहली ऐसी घटना 18 दिसंबर को हुई थी।
ईरान का तालिबान को अभी मान्यता देने से इन्कार
ईरान ने कहा कि वह तालिबान सरकार को तब तक मान्यता नहीं देगा जब तक कि वह समग्रता से नहीं बनायी जाती है।
ईरान के राजदूत बहादुर अमीनियन एक साक्षात्कार में कहा कि ईरान संभवत: अन्य देशों को अफगानिस्तान की इस्लामिक अमीरात सरकार को मान्यता देने के लिए मना सकता है, लेकिन वह इस सरकार में सभी तबकों को शामिल किए जाने तक इसका समर्थन नहीं करेगा। अगर सत्ताधारी समूह में केवल एक ही मूल के लोगों को शामिल किया जाता है तो वह ठीक नहीं है। उल्लेखनीय है कि मौजूदा तालिबान शासकों में ज्यादातर लोग हजारा हैं।
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