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तालिबान और अल-कायदा पंजशीर घाटी पर कब्जे को लेकर लड़ाई किया तेज, बड़ी मौतें की संख्‍या

Kunti Dhruw
2 Sep 2021 4:17 PM GMT
तालिबान और अल-कायदा पंजशीर घाटी पर कब्जे को लेकर लड़ाई किया तेज, बड़ी मौतें की संख्‍या
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अफगानिस्तान में पंजशीर घाटी पर कब्जे को लेकर तालिबान और नार्दर्न एलायंस के बीच लड़ाई तेज हो गई है।

काबुल, अफगानिस्तान में पंजशीर घाटी पर कब्जे को लेकर तालिबान और नार्दर्न एलायंस के बीच लड़ाई तेज हो गई है। दोनों ही पक्षों ने दुश्मन का भारी नुकसान करने का दावा किया है। तालिबान ने कहा है कि उसने 11 चौकियों पर कब्जा कर 34 एलायंस लड़ाकों को मार दिया है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पंजशीर को लेकर तालिबान के नेता मुल्ला अमीर खान मोटाकी और नार्दर्न एलायंस के नेताओं के बीच चल रही वार्ता विफल होने के बाद लड़ाई फिर छिड़ गई है।

वहीं समाचार एजेंसी आइएएनएस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पंजशीर घाटी पर कब्‍जे के लिए तालिबान ने अल-कायदा से हाथ मिला लिया है। अहमद मसूद की सेना का कहना है कि पंजशीर घाटी में जारी लड़ाई में तालिबान को जीत दिलाने के लिए आतंकी संगठन अल-कायदा भी उसके साथ हो गया है। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक दो दिनों से चल रही लड़ाई में दोनों पक्षों के लड़ाके हताहत हुए हैं।
नार्दर्न एलायंस ने कहा है कि पंजशीर घाटी पर तालिबान कब्जा नहीं कर सकेगा। एलायंस ने दावा किया पिछले 24 घंटे में उनके लड़ाकों ने तालिबान को भारी नुकसान पहुंचाया है और उनको पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया है। इधर स्पुतनिक को तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया कि नार्दर्न एलायंस के 34 सदस्यों को मार दिया गया है। इनकी 11 सुरक्षा चौकियों पर कब्जा कर लिया गया है। हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति और नार्दर्न एलायंस के साथ मिलकर पंजशीर में तालिबान से मुकाबला कर रहे अमरुल्लाह सालेह ने कहा है कि हम हम अफगान नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेंगे। उन्होंने तालिबान से सवाल पूछा, 'यदि देश को आप पर जरा भी विश्वास है तो सीमाओं पर अफगान नागरिकों की भीड़ क्यों लगी हुई है।'
अफगानिस्तान में तालिबान का राज आने के बाद महिलाएं सबसे ज्यादा भयभीत हैं। जगह-जगह महिलाओं के साथ घटनाएं हो रही हैं। इन सबके बीच नई सरकार के गठन से पहले हेरात में अपनी जान जोखिम में डालकर तमाम महिलाओं ने गवर्नर कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने मांग की कि नई सरकार में उनकी भी राजनीतिक भागेदारी हो। यही नहीं उनको कैबिनेट, लोया जिरगा और एल्डर कमेटियों में स्थान दिया जाए।
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