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ताइवान की राष्‍ट्रपति त्‍साई इंग वेन पिछले दो सालों से जिनपिंग के बुरे सपनों की वजह, जानिए कौन हैं ये

Neha Dani
1 Aug 2022 9:56 AM GMT
ताइवान की राष्‍ट्रपति त्‍साई इंग वेन पिछले दो सालों से जिनपिंग के बुरे सपनों की वजह, जानिए कौन हैं ये
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वो 20 साल की हुईं तो नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के इनॉग्रेल बॉल में पहुंची।

ताइवान की पहली महिला राष्‍ट्रपति त्‍साई इंग वेन और अमेरिकी कांग्रेस की पहली महिला स्‍पीकर नैंसी पेलोसी ने दुनिया के सबसे ताकतवर शख्‍स को बेचैन कर दिया है। बात कर रहे हैं चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग की जिनकी बादशाहत को इन दोनों ने चैलेंज कर दिया है। 8 मार्च 2020 को जब दुनिया कोविड-19 की तरफ बढ़ रही थी, जिनपिंग ने अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस पर एक स्‍पीच दी। उन्‍होंने कहा, 'महिलाएं आध्‍यात्मिक और भौतिक संपत्ति का निर्माण करती हैं। वो उस ताकत का प्रतिनिधित्‍व करती हैं जो सामाजिक विकास और प्रगति को आगे बढ़ाने वाली होती है। उनके बिना आप किसी समाज या इंसानी जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं।' जिनपिंग ने भले ही ये बातें बस कहने के लिए कहीं हो लेकिन वेन और पेलोसी ने आज उनकी कही हुई बातों को सच साबित कर दिया है। इन दो महिलाओं की वजह से ताइवान आज उस विकास का सपना देख रहा है जो उसे ताकतवर बनाएगा।


चीन को किया चैलेंज
ताइवान की राष्‍ट्रपति त्‍साई इंग वेन पिछले दो सालों से जिनपिंग को आने वाले बुरे सपनों की वजह हैं। 20 मई 2020 को वह दूसरी बार ताइवान की राष्‍ट्रपति बनी थीं। 65 साल की वेन ताइवान के हक्‍का वंश की हैं। वह एक अमीर परिवार से आती हैं। उन्‍होंने राजधानी ताइपे से सन् 1978 में कानून की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वह न्‍यूयॉर्क के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी गई और फिर लंदन स्‍कूल ऑफ इकोनॉमिक्‍स से उन्‍होंने कानून की पढ़ाई में पहले मास्‍टर्स किया और फिर डॉक्‍टरेट की डिग्री मिली। इसके बाद वह ताइवान लौट आईं और साल 2000 तक ताइपे की अलग-अलग यूनिवर्सिटीज में पढाती रहीं। फिर उन्‍होंने राजनीति में कदम रखा।

साजिशों के बीच संभाली कमान
राष्‍ट्रपति वेन ने ऐसे समय में सत्‍ता संभाली थी जब उनका पड़ोसी कई तरह की साजिशों को अंजाम देने में लगा था। राष्‍ट्रपति बनते ही उन्‍होंने चीन को चुनौती देना शुरू कर दिया था। जनवरी 2020 में जब ताइवान में चुनाव होने वाले थे तो जिनपिंग ये मान चुके थे कि अब इंग का सत्‍ता में लौटना मुश्किल है। लेकिन त्‍साई ने विशाल जनमत संग्रह के साथ चुनाव जीता और जोरदार वापसी की। विदेश नीति के जानकार मानते हैं कि वह दशकों के बाद ताइवान की एक ऐसी नेता के तौर पर सामने आई हैं जो लगातार चीन के वर्चस्‍व को चैलेंज कर रही हैं।

चकनाचूर हुआ जिनपिंग का सपना
चीन हमेशा से कहता आया है कि वह मिलिट्री का प्रयोग करके ताइवान को अपने अधिकार में ले सकता है। 15 जनवरी 2020 को पेशे से टीचर रहीं त्‍साई इंग वेन जब ने दोबारा चुनाव जीता तो उन्‍होंने चीन को स्‍पष्‍ट संदेश दिया। उन्‍होंने कड़ा बयान दिया और कहा, 'हमें उम्‍मीद है कि चीन इस बात को पूरी तरह से समझता है और ताइवान के लोगों ने चुनावों में जो उम्‍मीद दिखाई है, वो उसका सम्‍मान करेगा। ' दूसरी तरफ चीनी राष्‍ट्रपति जिनपिंग ने का सपना है कि साल 2049 तक ताइवान, चीन उनके देश की सीमा में आ जाएगा। लेकिन जिस त्‍साई इंग वेन को वो अलगाववादी नेता मानता है उसकी वजह से ये सपना चकनाचूर होने की तरफ है।
सिंपल हाउसवाइफ अब सबसे ताकतवर
ताइवान की राष्‍ट्रपति के बाद अब बात अमेरिकी कांग्रेस की स्‍पीकर नैंसी पेलोसी की। नैंसी सैन फ्रांसिस्‍को की एक साधारण सी हाउसवाइफ अब अमेरिकी राजनीति की सबसे ताकतवर महिला है। 3 जनवरी 2021 को नैंसी ने दोबारा अपना पद संभाल और वो अकेली अमेरिकी महिला हैं जो इस पद पर पहुंची हैं। नैंसी ने 47 साल की उम्र में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया।
डेमोक्रेटिक मेयर थॉमस ड अलसांद्रो जूनिसर की बेटी नैंसी ने अपने पिता के प्रभाव का फायदा उठाया और अपनी धाक जमाई। नैंसी की उम्र 12 साल थी जब उन्‍होंने पहली बार डेमोक्रेटिक पार्टी के नेशनल कनवेंशन में शिरकत की थी। इसके बाद जब वो 20 साल की हुईं तो नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के इनॉग्रेल बॉल में पहुंची।

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