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ताइवान चीन का नया हेलिकॉप्टर बेस के निशाने पर...उपग्रह से मिली तस्वीरों से खुलासा

Kunti Dhruw
15 March 2021 3:42 PM GMT
ताइवान चीन का नया हेलिकॉप्टर बेस के निशाने पर...उपग्रह से मिली तस्वीरों से खुलासा
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चीन फुजियान प्रांत

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: विस्तारवादी नीतियों के चलते चीन फुजियान प्रांत में नया हेलिकॉप्टर बेस बना रहा है। यह ताइवान के लिए खतरा हो सकता है। उपग्रह से मिली तस्वीरों के आधार पर ताइवानी सैन्य विशेषज्ञ ने इस नए एयर बेस का खुलासा किया।

ताइवान की एक वेबसाइट ने सैन्य विशेषज्ञ हु चेंग के हवाले से यह खबर दी है। इसमें कहा गया है कि यह हेलिकॉप्टर बेस पहले नहीं था। इसे राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ताइवान मसला हल नहीं करने की मंशा व चीन की पीपुल्स आर्मी की युद्ध की ताकत बढ़ाने की मंशा माना जा सकता है। यह बेस मौजूदा विश्व व्यवस्था और अमेरिका सेना को सीधी चुनौती है। इस बेस पर किसी भी तरह के लड़ाकू विमानों को तैनात किया जा सकता है।
उपग्रह से मिली तस्वीरों के अनुसार फुजियान प्रांत के जांगझू में एक नया हेलीपोर्ट बनाया गया है। इसमें रनवे के अलावा 1700 मीटर लंबा प्रशासनिक भवन भी दिख रहा है। रनवे की लंबाई 600 मीटर है और विमान के लिए 27 हैंगर हैं। एक गुप्तचर विशेषज्ञ ने बताया कि सामरिक जरूरतों के अनुसार यहां चीन अपनी सेना और नौसेना के संचालन की तैनाती बढ़ा सकता है। यहां से ताइवान आसानी से निगरानी की जा सकेगी। बेस के हेलीकॉप्टरों के अलावा, लड़ाकू विमान की दक्षिण-पूर्व ताइवान और डोंग्शा द्वीपों के लिए हवाई जहाज को उतारने और गश्त करने के लिए अनुमानित रनवे की लंबाई पर्याप्त होगी।
ताइवान के लिए खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि यह हेलीपोर्ट ताइवान के लिए खतरा पैदा करता है। बता दें, चीन ताइवान पर पूर्ण संप्रभुता का दावा करता है। ताइवान की आबादी करीब 2.5 करोड़ है। यह लोकतांत्रिक होने के साथ ही अमेरिका सहित अन्य लोकतांत्रिक देशों के साथ रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देकर चीन की आक्रामकता का मुकाबला करता है, लेकिन चीन की नजरें उस पर जमी हुई हैं। हाल के महीनों में, चीन ने ताइवान के आसपास के क्षेत्रों में अपनी सैन्य गतिविधियों में वृद्धि की है।
जिनपिंग ताइवान को स्वतंत्र नहीं होने देना चाहते
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पहले ही ताइवान के बारे में अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं क्योंकि उन्होंने कभी भी इस द्वीप देश को स्वतंत्र नहीं होने देने की कसम खाई है और यदि आवश्यक हो तो बल के इस्तेमाल से भी इनकार नहीं किया है।


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