ताइवान : ताइवान का सबसे अत्याधुनिक फाइटर जेट F16 V समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, ताइवान को लगा बड़ा झटका
चीन की दादागिरी से जूझ रही ताइवान की वायुसेना को बड़ा झटका लगा है। ताइवान का सबसे आधुनिक F-16V फाइटर जेट समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इस हादसे के बाद ताइवान ने अपने F-16V लड़ाकू विमानों के प्रशिक्षण को रोक दिया है। एक तरफ ताइवान के लड़ाकू विमानों के हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं, वहीं चीन दर्जनों विमान ताइवानी हवाई क्षेत्र के पास भेजकर लगातार धमकाने में जुटा हुआ है।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि देश का सबसे आधुनिक एफ-16 वी लड़ाकू विमान दक्षिणी ताइवान स्थित चियाई एयर बेस से उड़ान भरने के बाद रेडॉर से गायब हो गया। यह लड़ाकू विमान एक तटीय फायरिंग रेंज में प्रशिक्षण मिशन पर था। ताइवान की राष्ट्रपति त्साइ इंग वेन ने विमान के तलाश और बचाव के लिए हर संभव प्रयास करने को कहा है। सरकार के बचाव कमान सेंटर ने कहा है कि उसने विमान को समुद्र के अंदर गिरते हुए देखा है।
साल 2020 में भी एफ-16 विमान हादसे का शिकार
कमान ने कहा कि जहाज और हेलिकॉप्टर पायलट की तलाश कर रहे हैं। एयरफोर्स के अधिकारी लियू हुई चिएन ने कहा कि हाल ही में इस विमान को अपग्रेड करके 'वी' स्तर का बनाया गया था। इसमें नए हथियार और अन्य उपकरण लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि एफ-16 के लिए लड़ाकू प्रशिक्षण को फिलहाल रोक दिया गया है। इससे पहले साल 2020 में भी एक एफ-16 विमान हादसे का शिकार हो गया था।
पिछले कुछ महीनों में ताइवान में चीनी सैन्य गतिविधि में बढ़ोत्तरी ने वैश्विक चिंता को बढ़ा दिया है। चीन ताइवान को अपने प्रांत के रूप में देखता है जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश बताता है। चीन पहले भी कह चुका है कि ताइवान की आजादी का मतलब 'युद्ध' होगा। पिछले 1 अक्टूबर यानी चीन के राष्ट्रीय दिवस के दिन चीनी वायु सेना के 25 लड़ाकू विमान, बॉम्बर्स और दूसरे एयरक्राफ्ट्स ने ताइवानी वायु सीमा का उल्लंघन किया था।
ताइवान की सेना को ट्रेनिंग दे रहे अमेरिकी सैनिक
हद तो तब हो गई जब कुछ पहले चीन के 56 विमानों के एक साथ ताइवानी सीमा में प्रवेश किया। इस दौरान ताइवानी वायु सेना के विमानों की चीन के लड़ाकू विमानों से आमना-सामना भी हुआ। अमेरिकी मीडिया में आई रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि यूएस आर्मी के ट्रेनर पिछले एक साल से ताइवान की सेना को गुपचुप तरीके से प्रशिक्षण दे रहे हैं। इसे खुद ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने स्वीकार किया था।