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अमेरिकी प्रोजेक्ट्स के तहत किसी भी हालात में पोर्ट्स या एयरपोर्ट्स पर अमेरिका का नियंत्रण हो सकेगा।
अमेरिका ने दुनिया में 5-10 बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में निवेश करने की योजना बनाई है। इसे चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के काट के तौर पर देखा जा रहा है। इस निवेश के तहत अमेरिका के सेनेगल और घाना जैसे देशों में कम से कम 10 जरूरी प्रोजेक्ट की पहचान की है। मामले को लेकर अमेरिकी अधिकारी, निजी क्षेत्र के मालिकों के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं। अधिकारी G7 ग्रुप द्वारा बिल्ड फॉर बेटर वर्ल्ड इनिशिएटिव के तहत प्रोजेक्ट की तलाशी में जुटे हुए हैं। इन प्रोजेक्ट्स को दिसंबर में होने वाले G7 की बैठक में अंतिम रूप दिया जा सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने अक्टूबर महीने की शुरुआत में इसी मामले को लेकर इक्वाडोर, पनामा और कोलंबिया जैसे देशों का दौरा किया था। अधिकारी एक भी एशियाई देश के नाम लेने से बचते दिखे। अधिकारियों ने कहा है कि G7 देशों के इस पहल से विकासशील देशों के इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को 40 ट्रिलियन डॉलर तक कम करना है और चीन द्वारा शुरू किए गए कर्ज प्रथा का विकल्प प्रदान करना है।
अधिकारियों ने आगे बताया है कि अमेरिका विकासशील देशों को जलवायु, स्वास्थ्य, डिजिटल टेक्नोलॉजी आदि पर काम करने के लिए इक्विटी स्टेक्स, कर्ज गारंटी, राजनीतिक बीमा, ग्रांट्स आदि सहित अमेरिकी फानेंशियल की पूरी सीरीज पेश करेगा। उन टॉप प्रोजेक्ट्स की पहचान करने की कोशिश की जा रही है जिसे 2021 की शुरू में शुरू किया जा सकता है।
अमेरिकी अधिकारियों ने सेनेगल और घाना के अधिकारियों से कहा है कि चीन के उलट अमेरिकी प्रोजेक्ट्स के तहत किसी भी हालात में पोर्ट्स या एयरपोर्ट्स पर अमेरिका का नियंत्रण हो सकेगा।
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