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50 से अधिक वारशिप और 200 चीन के मिलिट्री एयरक्राफ्ट अभ्यास में शामिल हुए थे।
चीन के रवैये को झेल रहे ताइवान (Taiwan) को दुनिया भर से समर्थन मिल रहा है। पिछले माह अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइपे का दौरा किया था। रूस और चीन की करीबी को देखते हुए ताइवान के लिए दुनिया डरी हुई है। इनका मानना है कि ताइवान के खिलाफ चीन सैन्य कार्रवाई कर सकता है जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। पालिसी रिसर्च ग्रुप का कहना है कि इसके कारण अधिकांश देश पेलोसी के ताइवान दौरे को समर्थन दे रहे हैं।
मीटिंग में ASEAN देशों ने चीन से की थी ये अपील
यूक्रेन में रूसी हमले के बाद देश का हाल देख दुनिया के सभी देश ताइवान को लेकर चिंतित हैं और इसके प्रति समर्थन व्यक्त कर रहे हैं। ASEAN देशों ने ताइवान की खाड़ी में चल रहे तनाव पर चिंता जाहिर की है। पालिसी रिसर्च ग्रुप ने कहा कि 27 देशों की मीटिंग के दौरान ASEAN देशों ने चेताया था कि जंग के दुष्परिणामों के बारे में अभी बताया नहीं जा सकता है। इन देशों ने बीजिंग से अपील की कि वह जितना अधिक हो सके संयम बरते। इस मीटिंग में चीन भी शामिल था। रिपोर्ट के अनुसार ASEAN देशों से इस बात की चीन को उम्मीद नहीं थी और इसके बाद चीन के विदेश मंत्री तुरंत मीटिंग से निकल गए।
पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद से चीन ने तेज कर दी गतिविधियां
दक्षिण कोरिया सीधे तौर पर चीन पर किसी तरह का आरोप लगाने से बचता रहा है, और अब इसने भी जबरन यथास्थिति में बदलाव करने को लेकर आपत्ति जताई है। इसके साथ ही पूर्वी यूरोप समेत कई देश हैं जो चीन के साथ अपने संबंध को सीमित करने की ओर बढ़ गए हैं। पेलोसी के ताइवान दौरे के तुरंत बाद चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) सरकार ने ताइवान के चारों ओर चार दिवसीय नौसेना अभ्यास शुरू कर दिया था। चीनी अधिकारियों ने भी लाइव फायरिंग की। 50 से अधिक वारशिप और 200 चीन के मिलिट्री एयरक्राफ्ट अभ्यास में शामिल हुए थे।
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