ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग-वेन ने बुधवार को कहा कि हमारा देश सुरक्षा चिंताओं को लेकर अमेरिका के साथ काम करने की उम्मीद करता है।
उन्होंने कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन का लगातार बढ़ता खतरा बेहद गंभीर है। यह बात उन्होंने अमेरिका के पूर्व ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन माइकल ग्लेन मुलेन के नेतृत्व में पहुंचे अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से हुई बातचीत में कही।
दो दिनी दौरे पर आए इस प्रतिनिधिमंडल में इराक-अफगानिस्तान के लिए पूर्व अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मेघन सुल्लीवन और पूर्व अमेरिकी रक्षा अवर सचिव मिशेल एंजेलिक फ्लोरनॉय भी शामिल थे।
साइ ने अनौपचारिक बैठक में कहा, मौजूदा हालात में ताइवानी स्ट्रेट और पूरे क्षेत्र में चीन का सैन्य खतरा ताइवान की वैश्विक भागीदारी को सीमित करने की कोशिश है। इसके लिए चीन दुष्प्रचार की रणनीति अपना रहा है।
उन्होंने कहा, ताइवान के नागरिक इन हरकतों के चलते अपना भरोसा नहीं छोड़ेंगे। साइ ने कहा, ताइवान क्षेत्र में सुरक्षा मुद्दों पर अमेरिका और अन्य देशों के साथ घनिष्ठ सहयोग के लिए हम तत्पर हैं। उन्होंने कहा, इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना न केवल अमेरिका बल्कि दुनिया के हित में है।
चीन की धमकी : ताइवानी समर्थन करने की कीमत चुकाएगा अमेरिका
ताइवान के मुद्दे पर चीन ने अमेरिका को फिर से धमकाया है कि यदि उसने इस क्षेत्र की आजादी का समर्थन किया तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वेन वेनबिंग ने ताइवान स्ट्रेट पर अपना दावा जताते हुए कहा कि इस क्षेत्र में अपना समर्थन जारी रखने की अमेरिकी कोशिशें बेकार हैं। चीन ने ताइवान पहुंचे पूर्व राजनयिकों के पांच सदस्यीय दल का भी विरोध किया।