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यूक्रेन की सीमा के मार्केट में मिल रहे Z निशान वाली टी-शर्ट, बैग और मग, ऐसे किया जा रहा समर्थन

Neha Dani
27 March 2022 10:32 AM GMT
यूक्रेन की सीमा के मार्केट में मिल रहे Z निशान वाली टी-शर्ट, बैग और मग, ऐसे किया जा रहा समर्थन
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यानि विक्टरी का निशान था.

यूक्रेन के खिलाफ स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाले टैंक और दू‌सरे सैन्य वाहनों पर बने जेड (Z) का निशान रुस के सीमावर्ती इलाकों में बेहद प्रचलित हो गया है. एबीपी न्यूज की टीम को यूक्रेन सीमा से सटे बेलगोरोड में एक ऐसा मार्केट दिखाई पड़ा जहां जेड निशान के कपड़े, टी-शर्ट, बैग और बैज बिक रहे थे. स्थानीय रुसी लोगों में इस जेड़ निशान को लेकर काफी क्रेज है.

मार्केट में मिल रहे हैं जेड (Z) निशान वाली टी-शर्ट, बैग और मग
रुस का जेड निशान अब यूक्रेन से सटी सीमा में बेहद प्रचलित हो गया है. मार्केट में जेड (Z) निशान वाली टी-शर्ट, बैग और मग मिल रहे हैं. स्थानीय लोग बड़ी तादाद में इन्हें खरीद रहे हैं और यूक्रेन के खिलाफ रुस और पुतिन को समर्थन कर रहे हैं. जेड लिखे सामान को बेचने और खरीदने वाले लोग यूक्रेन को लेकर बेहद भावुक हो जाते हैं. उनका मानना है कि अमेरिका के बहकावे में आकर यूक्रेन ने रुस‌ के साथ गलत किया और इसका खामियाजा यूक्रेन की सेना को भुगतना पड़ रहा है.
यूक्रेन सीमा से सटे में बेलगोरोड में वैसे तो यूक्रेन युद्ध का सीधे तौर से कोई असर नहीं दिखाई पड़ता है लेकिन यहां के लोग रुसी सेना को जरुर समर्थन करते दिखाई पड़ते हैं. ये समर्थन रुसी नागरिक अपनी गाड़ियों पर जेड (Z) निशान लगाकर भी कर रहे हैं. वही जेड निशान जो यूक्रेन के खिलाफ मिलिट्री ऑपरेशन में रुसी सेना के टैंक, बख्तरबंद गाड़ियों और मिलिट्री ट्रक पर दिखाई पड़ा था.
क्यों लगाए जाते हैं निशान?
यूक्रेन सीमा से सटे बेलगोरोड इलाके की सड़कों पर एबीपी न्यूज की टीम को कई ऐसी गाड़ियां दिखाई पड़ी जिनपर Z (जेड) का निशान लगा था. ये वही निशान है जो रुस की सैन्य गाड़ियों पर लगा होता है. दरअसल, जब भी कोई सेना किसी युद्ध में जाती है तो दुश्मन के टैंक और दूसरी सैन्य वाहनों से अपनी पहचान अलग करने के लिए ऐसे निशान लगा लेती है ताकि गलती से अपने ही टैंकों इत्यादि को निशाना ना बना लिया जाए.
रुस की सेना ने जब यूक्रेन पर हमला यानि 'स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन' शुरू किए तो ये तीन-चार तरफ से किए गए. पहला था बेलगोरोड की तरफ से यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर, जो रूस की सीमा से महज से 30 किलोमीटर की दूरी पर है. बेलगोरोड के दो बॉर्डर चैकपोस्ट की तरफ से जो रुसी टैंक और मिलिट्री काफिला यूक्रेन में दाखिल हुआ तो उनपर Z (जेड) का निशान था. यही वजह है कि बेलगोरोड के निवासियों ने भी अपनी गाड़ियों पर जेड का निशाना लगाना शुरु कर दिया है.
कई टैंकों पर था V का निशान
एबीपी न्यूज की टीम जब बेलगोरोड से यूक्रेन सीमा की तरफ जा रही थी तो रास्ते में जेड निशान वाले टैंक और मिलिट्री ट्रक दिखाई पड़े. रुसी सेना का दूसरा ऑपरेशन यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र के दोनेत्सक और लुहांस इलाकों पर हुआ था. यहां पर भी रुसी सेना के काफिले पर जेड का निशान था. तीसरा ऑपरेशन क्रीमिया की तरफ से किया गया था जहां पर जेड निशान तो था लेकिन उसपर एक कट लगा दिया गया था. चौथा हमला बेलारुस की तरफ से यूक्रेन पर किया गया था. इस इलाके से यूक्रेन पर हमले करने वाले टैंक और बख्तरबंद गाड़ियों पर V (वी) यानि विक्टरी का निशान था.

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