विश्व
स्कूली छात्राओं के साथ 15 साल की उम्र मे IS में शामिल होने के गई सीरिया, वापस लौटना चाहती है कोर्ट ने नहीं दी अनुमति
Apurva Srivastav
26 Feb 2021 2:32 PM GMT
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आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए ब्रिटेन से सीरिया के लिए रवाना हुई शमीमा बेगम को वापस लौटने की अनुमति नहीं दी जाएगी
आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (Terrorist Organization Islamic State) में शामिल होने के लिए ब्रिटेन (Britain) से सीरिया (Syria) के लिए रवाना हुई शमीमा बेगम (Shamima Begum) को वापस लौटने की अनुमति नहीं दी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में कहा कि उन्हें अपना नागरिकता केस (Citizenship Case) भी लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
कोर्ट ने एकमत से फैसला सुनाते हुए कहा कि उसे वापस आने की अनुमति नहीं दी गई और इस दौरान उसके अधिकारों का उल्लंघन नहीं हुआ है. बता दें कि 21 साल की बेगम अपनी ब्रिटिश नागरिकता को रद्द करने के गृह सचिव के फैसले को चुनौती देना चाहती हैं.
2015 में ब्रिटेन छोड़ सीरिया के लिए हुईं रवाना
फिलहाल बेगम में उत्तरी सीरिया के एक कैंप में हैं जिसका नियंत्रण सशस्त्र गार्ड्स के हाथ में हैं. बेगम 15 साल की थीं जब वो और पूर्वी लंदन की दो अन्य स्कूली छात्राएं फरवरी 2015 में ब्रिटेन छोड़कर इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए सीरिया चली गई थीं.
2019 में तत्कालीन होम सेक्रेटरी साजिद जाविद ने बेगम से उनकी नागरिकता राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर छीन ली थी. पिछले जुलाई में कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ब्रिटेन में उसे अनुमति देना एकमात्र निष्पक्ष तरीका है क्योंकि वह उत्तरी सीरिया में कैंप में रहकर फैसले के खिलाफ प्रभावी ढंग से अपील नहीं कर सकती.
बेगम की वापसी 'राष्ट्रीय सुरक्षा' के लिए खतरा
होम ऑफिस ने बाद में सुप्रीम कोर्ट से अपील करने के कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की, यह तर्क देते हुए कि उसे यूके लौटने की अनुमति देना 'महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा' के लिए खतरा पैदा करना है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के अध्यक्ष लॉर्ड रीड ने कहा कि सरकार बेगम को यूके लौटने से रोकने के लिए हकदार है.
लॉर्ड रीड ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से होम सेक्रेटरी की सभी अपील को मंजूर करते हुए बेगम की क्रॉस अपील को खारिज कर दिया. शमीमा बेगम का कहना है कि वह माफी चाहती हैं.
कौन हैं शमीमा बेगम
बेगम का जन्म ब्रिटेन में हुआ था. उनके माता-पिता बांग्लादेश के रहने वाले थे. 15 साल की उम्र में वो दो स्कूली छात्राओं के साथ आईएस में शामिल होने के लिए ब्रिटेन से सीरिया चली गई थी.
बेगम तुर्की होते हुए रक्का में आईएस के हेडक्वार्टर पहुंची थीं. यहां उन्होंने एक डच सैनिक से शादी कर ली. तीन साल से अधिक समय तक वो आईएस के शासन में रही और फरवरी 2019 में सीरियाई शरणार्थी कैंप में नौ महीने की गर्भवती पाई गईं. बाद में बच्चे की मौत निमोनिया से हो गई थी और बेगम ने कहा कि उसने पहले भी दो बच्चों को खो दिया था.
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