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Switzerland बन सकता है Animal टेस्टिंग पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश, जनमत संग्रह से होगा फैसला

Renuka Sahu
13 Feb 2022 5:39 AM GMT
Switzerland बन सकता है Animal टेस्टिंग पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश, जनमत संग्रह से होगा फैसला
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फाइल फोटो 

स्विट्जरलैंड में दवाओं के इस्तेमाल से पहले जानवरों पर होने वाले परीक्षण को प्रतिबंधित करने की मांग उठ रही है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। स्विट्जरलैंड में दवाओं के इस्तेमाल से पहले जानवरों पर होने वाले परीक्षण (Animal Testing) को प्रतिबंधित करने की मांग उठ रही है. स्विट्जरलैंड में जनमत संग्रह (Referendum) के जरिए वोटर्स इस बात का फैसला करेंगे कि यहां जानवरों पर होने वाला परीक्षण पर बैन लगाया जाए या नहीं. प्रतिबंध के पक्ष में ज्यादा वोटिंग होने पर स्विट्जरलैंड दुनिया में पहला देश होगा जहां जानवरों पर होने वाले परीक्षण पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. इसके साथ ही तंबाकू या सिगरेट के विज्ञापन पर कड़े नियंत्रण (Controls on Cigarette Advertising) पर भी विचार किया जाएगा.

स्विट्जरलैंड में एनिमल टेस्टिंग को लेकर जनमत संग्रह
एनिमल टेस्टिंग को प्रतिबंधित (Animal Testing Ban) करने के लिए अभियान चलाने वाले लोग चूहों (Experiments on Rats) समेत दूसरे जानवरों पर सभी तरह के प्रयोगों को समाप्त करना चाहते हैं. प्रत्यक्ष लोकतंत्र की स्विस प्रणाली के तहत वोट देने के लिए पर्याप्त हस्ताक्षर एकत्र हुए. प्रतिबंध लगाने के समर्थकों को देश के बड़े फार्मास्युटिकल क्षेत्र के कड़े विरोध का सामना भी करना प़ड़ रहा है. दवा कंपनियों का कहना है कि नई दवाओं को विकसीत करने के लिए इस तरह के शोध की जरुरत पड़ती है. जानवारों पर परीक्षण को लेकर प्रतिबंध लगाने के समर्थकों का आरोप है कि एनिमल टेस्टिग की प्रथा नैतिक रूप से गलत और गैरजरूरी है. सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि 2020 में स्विस प्रयोगशालाओं में 500,000 से अधिक जानवरों की जान ली गई.
दवा कंपनियां एनिमल टेस्टिंग को शोध के लिए बता रही है जरूरी
सबसे हालिया जनमत सर्वेक्षण से पता चला है कि 68% लोगों ने प्रस्तावित प्रतिबंध का विरोध किया और यह सुझाव दिया कि इसके स्वीकृत होने की संभावना नहीं है. तंबाकू के विज्ञापन को और प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव पारित होने की संभावना है, 63% लोगों ने इसके पक्ष में मतदान किया. वोटरों के जवाब सरकार के लिए बाध्यकारी होंगे, जो तय करेगी कि प्रस्तावों को कैसे लागू किया जाए. फिलहाल दवा कंपनियां एनिमल टेस्टिंग को शोध के लिए जरूरी बता रही है तो वही इस पर बैन लगाने के समर्थक इसे अनैतिक बता रहे हैं.
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