पाकिस्तान (Pakistan) की आर्थिक बदहाली किसी से छिपी नहीं है. चीन (China) से मिलने वाली खैरात से ही पाकिस्तान का गुजारा चल रहा है. इसके बावजूद 'नए पाकिस्तान' का सपना दिखाने वाले प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) जनता के पैसे को अपने राजनीतिक हित साधने में इस्तेमाल कर रहे हैं.
इमरान खान की इस गैर-जिम्मेदाराना हरकत पर पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने कड़ी नाराजगी जताते हुए सोमवार को उन्हें एक नोटिस जारी किया है. खान को अपनी पार्टी के समर्थक वकीलों के एक राजनीतिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए यह नोटिस दिया गया है, जिसके आयोजन में कथित तौर पर सार्वजनिक कोष का उपयोग किया गया.
कार्यक्रम के खर्चे का भुगतान किसने किया: कोर्ट
पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (Tehreek-e-Insaf) के लीगल विंग इंसाफ लायर्स फोरम (आईएलएफ) का एक कार्यक्रम गत नौ अक्टूबर को जिन्ना कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया था, जिसे इमरान खान ने संबोधित किया था. पाकिस्तानी अखबार डॉन (DAWN) के मुताबिक, पंजाब सरकार के खिलाफ एक मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति काजी फैज इसा ने कहा कि इमरान खान पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं, न कि किसी खास समूह के. वह सरकार के संसाधनों का दुरुपयोग क्यों कर रहे हैं? कोर्ट ने कन्वेंशन सेंटर प्रमुख को यह बताने का निर्देश दिया है कि कार्यक्रम के खर्चे का भुगतान किसने किया.
अदालत ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और पाकिस्तान बार काउंसिल के उपाध्यक्ष को अगली सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का आदेश दिया है. मालूम हो कि सत्ता में आने से पहले इमरान खान ने लोगों से 'नए पाकिस्तान' का वादा किया था, लेकिन अधिकांश नेताओं की तरह कुर्सी मिलते ही वह हर वादा भूल गए. कोरोना से निपटने से लेकर महंगाई नियंत्रित करने तक इमरान खान हर मोर्चे पर विफल हुए हैं. अब जनता में उन्हें लेकर गुस्सा बढ़ता जा रहा है.