इमरान खान को झटका देते हुए पाक के उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को तोशाखाना करप्शन मुद्दे में उनके विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने की अपदस्थ पीएम की याचिका खारिज कर दी. मुद्दा इस इल्जाम से संबंधित है कि पाक तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख ने पीएम के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान तोशाखाना से प्राप्त उपहारों का विवरण जानबूझकर छुपाया था. एक भंडार जहां विदेशी ऑफिसरों द्वारा सरकारी ऑफिसरों को दिए गए उपहार रखे जाते हैं और उनकी कथित बिक्री से आय प्राप्त होती है.
खान पर अपने 2018 से 2022 के प्रीमियरशिप का दुरुपयोग राज्य के कब्जे में उपहार खरीदने और बेचने के लिए करने का इल्जाम है, जो विदेश यात्राओं के दौरान प्राप्त हुए थे और जिनकी मूल्य 140 मिलियन रुपये (635,000 अमेरिकी डॉलर) से अधिक थी. जियो न्यूज चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) द्वारा मुद्दे में राहत से इनकार किए जाने के बाद 70 वर्षीय खान ने शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. पाक के चुनाव आयोग ने पिछले वर्ष 21 अक्टूबर को पूर्व प्रधान मंत्री को तोशाखाना मुद्दे में झूठे बयान और गलत घोषणा” करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था.
मई में एक ट्रायल न्यायालय ने मुद्दे की स्थिरता को चुनौती देने वाली खान की याचिका खारिज कर दी और पीटीआई प्रमुख को गुनेहगार ठहराया, जिन्होंने उपहारों की गलत घोषणा के सभी आरोपों से इनकार किया था. इसके बाद, खान ने ट्रायल न्यायालय के निर्णय को आईएचसी के समक्ष चुनौती दी, जिसने मुद्दे को दोबारा जांच के लिए ट्रायल न्यायालय में वापस भेज दिया. 8 जुलाई को ट्रायल न्यायालय ने निष्कर्ष निकाला कि ईसीपी की याचिका विचार योग्य है और पूर्व प्रधान मंत्री के विरुद्ध आगे की कार्यवाही की गई, जिन्होंने राहत के लिए शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाया