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नई दिल्ली: नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने बिकिनी किलर के नाम से मशहूर चार्ल्स सोभराज को रिहा करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट के जज सपना प्रधान मल्ला और तिल प्रसाद श्रेष्ठ की बेंच ने शोभराज को रिहा करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट के प्रवक्ता बिमल पौडेल ने बताया कि शोभराज द्वारा जेल से रिहा होने के लिए याचिका दायर की गई थी, चूंकि वह निर्धारित अवधि से ज्यादा समय तक जेल में बंद था, तो उसी आधार पर जेल से रिहा करने का आदेश दिया गया है.
फ्रांसीसी शोभराज के माता-पिता भारतीय और वियतनामी थे. उस पर 1975 में नेपाल में प्रवेश करने के लिए नकली पासपोर्ट का उपयोग करने और अमेरिकी नागरिक कोनी जो ब्रोंजिच (29) और उसकी गर्लफ्रेंड कनाडाई लॉरेंट कैरिएर (26) की हत्या करने का आरोप लगा था.
एक न्यूजपेपर में उसकी फोटो छपने के बाद 1 सितंबर 2003 को उसे नेपाल में एक कैसीनो के बाहर देखा गया था. उसकी गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने उसके खिलाफ 1975 में काठमांडू और भक्तपुर में कपल की हत्या के आरोप में हत्या के दो अलग-अलग मामले दर्ज किए.
कुल 21 साल की सजा काट रहा था चार्ल्स
वो काठमांडू की सेंट्रल जेल में 21 साल की कैद काट रहा था, जिसमें अमेरिकी नागरिक की हत्या के लिए 20 साल और फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करने के लिए एक साल और 2000 का जुर्माना शामिल है. शोभराज को 1975 में काठमांडू और भक्तपुर जिला अदालतों ने दो हत्याओं का दोषी पाया था. सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में काठमांडू जिला अदालत द्वारा उसे सुनाई गई उम्रकैद की सजा का समर्थन किया था.
उसे 'बिकनी किलर' के नाम से भी जाना जाता था. ऐसा माना जाता है कि शोभराज ने थाईलैंड में 14 सहित दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में कम से कम 20 पर्यटकों की हत्या की थी. उसे 1976 से 1997 तक भारत में जेल में रखा गया.
चार्ल्स शोभराज पर बॉलीवुड में 'मैं और चार्ल्स' के नाम से फिल्म भी बनी है. कहा जाता है कि उनसे अधिकतर विदेशी टूरिस्ट महिलाओं की हत्या की. वो भारत घूमने आने वाली महिला टूरिस्ट को नशीली दवाएं देता था. उनसे प्रेम संबंध बनाकर उनकी हत्या कर देता था. 1986 में वो तिहाड़ जेल से भी भागा था. बाद में पकड़ा गया तो सजा पूरी की और फिर फ्रांस चला गया.
2010 में उसने अपनी भारतीय-नेपाली दुभाषिया निहिता बिस्वास से जेल में शादी कर ली. शादी के समय निहिता 20 साल की थी. वही चार्ल्स 64 साल का था.
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