भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में बायोलॉजिकल टॉक्सिन वेपन्स कन्वेंशन (बीडीडब्ल्यूसी) की वकालत की है और कहा है कि इसका अक्षरश: क्रियान्वयन सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। यूएनएससी में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि (डीपीआर) आर रविंद्र ने कहा कि भारत बीटीडब्ल्यूसी को एक प्रमुख वैश्विक और गैर भेदभावपूर्ण निरस्त्रीकरण कन्वेंशन के रूप में बहुत महत्व देता है। यह सार्वजनिक विनाश के हथियारों की एक पूरी श्रेणी पर प्रतिबंध लगाता है।
रविंद्र ने कहा कि बीटीडब्ल्यूसी का अक्षरश: पूर्ण और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। हम मानते हैं कि बीटीडब्ल्यूसी के तहत दायित्वों से संबंधित किसी भी मामले को कन्वेंशन के प्रावधानों के अनुसार और संबंधित पक्षों के बीच परामर्श और सहयोग के माध्यम से संबोधित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम ने कहा कि हम यूक्रेन में बिगड़ते हालात को लेकर चिंतित हैं और रूस व यूक्रेन के बीच कूटनीतिक वार्ता के हालिया दौर का स्वागत करते हैं।
विवाद के समाधान के लिए वार्ता और कूटनीति एकमात्र रास्ता: तिरुमूर्ति
यूक्रेन संकट के हल के लिए भारत ने वार्ता और कूटनीति की जरूरत को एक बार फिर दोहराया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि हम मानते हैं कि संभी शत्रुताओं को तुरंत समाप्त करना और बुद्धिमानी से वार्ता और कूटनीति की राह पर चलना इस विवाद को हल करने का और आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। हमें इस काम में यूएन चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों का सम्मान करना होगा।
यूएनएससी में रूस ने लगाया आरोप, यूक्रेन को अमेरिका ने अंधेरे में रखा
उधर, यूएनएससी की बैठक के दौरान रूस के प्रतिनिधि ने दावा किया कि यूक्रेन में बायोलॉजिकल हथियारों के कंपोनेंट तैयार किए गए थे। उन्होंने कहा कि हमारे रक्षा मंत्रालय को यूक्रेन में पेंटागन की ओर से की जा रहीं गैरकानूनी गतिविधियों के बारे में और सामग्री मिल रही है। रूसी प्रतिनिधि कहा, 'हमने यह बात कभी नहीं कही कि यूक्रेन के पास खुद का बायोलॉजिकल प्रोग्राम है। हमने कहा है कि असम में ये प्रोग्राम अमेरिका का है, यूक्रेन को अंधेरे में रखा जा रहा है।'
अमेरिकी प्रतिनिधि ने दिया रूस को जवाब, ऐसी कोई प्रयोगशाला नहीं है
अमेरिकी प्रतिनिधि ने कहा कि पिछले सप्ताह हमने रूसी प्रतिनिधि की अजीबोगरीब थ्योरी सुनी थीं। इस सप्ताह हम ऐसी बातें सुन रहे हैं, जिनके बारे में लगता है कि ये बातें उन्हें इंटरनेट के किसी अंधेरे कोने से भेजी गई हैं। यूक्रेन के पास बायोलॉजिकल प्रोग्राम नहीं है। ऐसी प्रयोगशालाएं नहीं हैं, ये न रूस की सीमा के पास हैं न दुनिया में कहीं और। वहां केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। असल में रूस ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर बायोलॉजिकल हथियार बनाए हैं।