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चूहों पर किया गया सफलतापूर्वक परीक्षण, पहली बार हार्ट अटैक के बाद धड़का दिल
Kajal Dubey
24 Jun 2022 8:58 AM GMT
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वैज्ञानिकों ने दौरा पड़ने के बाद पहली बार हृदय की कोशिकाओं का उपचार कर उन्हें पुन: जीवित करने में सफलता पाई है। दिल की बीमारियों को ठीक करने की दिशा में काम कर रहे टेक्सास के ह्यूस्टन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने चूहों पर इसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। इन्सानों में भी परीक्षण सफल रहा तो हजारों लोगों की जान बचाई जा सकेगी।
इस प्रयोग में एक सिंथेटिक मैसेंजर राइबोन्यूक्लिक एसिड (एमआरएनए) का इस्तेमाल किया गया है। इस तकनीक में एमआरएनए इंजेक्शन डीएनए का एक 'ब्लूप्रिंट' बनाता है, जिसका इस्तेमाल शरीर में प्रोटीन बनाने के उस जगह होता है, जहां पर प्रोटीन हमारी कोशिकाओं को बनाता व नियंत्रित करता है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, नई तकनीक से मांसपेशियों की कोशिकाओं को ठीक और पुनर्जीवित किया गया। एमआरएनए शरीर में प्रोटीन का निर्माण करते हैं, जो कि मांसपेशियों पर हमला करने वाले वायरस को मारने में काफी हद तक काम करता है।
इन्सानों की भी बचाई जा सकेगी जान
इलाज की नई विधि: सफलता की इस सीढ़ी तक इससे पहले कोई नहीं पहुंच सका था। विज्ञान के अनुसार हृदय की मांसपेशियों के दोबारा जीवित होने के आसार एक प्रतिशत से भी कम होते हैं। प्रयोग आगे भी सफल रहा तो इन्सानों के इलाज की नई विधि विकसित होगी। -रॉबर्ट श्वाज, जीव विज्ञानी, ह्यूस्टन विश्वविद्यालय
ऐसे किया गया परीक्षण
चूहों पर किए गए इस परीक्षण में टिश्यू कल्चर (जीवों में कोशिकाओं को जीवित रखने की प्रक्रिया) और जीवित चूहों का इस्तेमाल किया गया। इन चूहों में वाईएपी5एसए एक गेमचेंजर की तरह काम करता पाया गया। इस प्रयोग में दिल की बीमारी से जूझ रहे चूहे में म्यूटेशन देखा गया। इंजेक्शन के 24 घंटों में ही मायोसाइट (दिल में पाया जाने वाली एक कोशिका) में 15 गुना तक सुधार दिखाई दिया।
स्टेमिन और वाईएपी5एसए नामक प्रोटीन हृदय की कोशिकाओं (कार्डियोमायोसाइट्स) को सक्रिय कर देते हैं। यह उन मांसपेशियों को जीवित करता है, जिनकी काम करने की क्षमता न के बराबर होती है। स्टेमिन इंजेक्शन स्टेरॉइड्स नामक दवाओं के समूह से संबंधित है।
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