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सियोल | दक्षिण कोरिया ने अपने हथियारों के जखीरे में इजाफा कर लिया है। उसने हथियारों से लैस नए युद्धपातों के लिए एक नई तरह की बैलिस्टिक मिसाइल को टेस्ट किया है। इस कदम को उत्तर कोरिया की तरफ से मिलने वाली चुनौतियों का जवाब माना जा रहा है। मगर रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो दक्षिण कोरिया का यह कदम उत्तर के मुकाबले अपनी सुरक्षा में सुधार करने की बजाय तकनीकी-राष्ट्रवाद और अपनी परमाणु महत्वाकांक्षाओं को छुपाने से जुड़ा हुआ है। डिफेंस पोस्ट की तरफ से इस महीने आई रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई थी कि दक्षिण कोरिया ने इस साल की शुरुआत में ह्यूनमू-वी बैलिस्टिक मिसाइल के सफल परीक्षण किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया इस साल ह्यूनमू-V का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू करने की योजना बना रहा है। उसका लक्ष्य हर साल 70 मिसाइलों और 200 यूनिट्स के उत्पादन का है। इस मिसाइल को हनवा ओशिन की तरफ से तैयार किए जा रहे ज्वॉइन्ट स्ट्राइक शिप पर फिट किया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि ह्यूनमू-वी दक्षिण कोरिया के ह्यूनमू बैलिस्टिक मिसाइल की सीरीज में लेटेस्ट है। इसकी अधिकतम रेंज 3,000 किलोमीटर है और यह आठ टन का बारूद ले जा सकती है। मिसाइल आसानी से दुश्मन के अंडरग्राउंड कमांड सेंटर और बाकी जगहों को निशाना बना सकती है। मिसाइल की स्पीड मैक 10 यानी 12348 किलोमीटर प्रति घंटा तक है।
ह्यूनमू वी मिसाइल को भूकंप शक्ति से लैस किया गया है। इसका मतलब हुआ कि यह मिसाइल आर्टिफिशियल भूकंप के जरिए सुरंगों को भी ढहा सकती है। दक्षिण कोरिया की ज्वॉइन्ट स्ट्राइक शिप के एक मॉडल को पिछले महीने बुसान में एक आयोजन MADEX में सबके सामने लाया गया था। दक्षिण कोरिया का यह युद्धपोत केडीडीएक्स श्रेणी के ड्रेस्ट्रॉयर पर बेस्ड है। इसमें 100 से ज्यादा मिसाइलें फिट करने का लक्ष्य दक्षिण कोरिया ने तय किया है। नेवल न्यूज की तरफ से बताया गया है कि जहां अक्सर परंपरागत युद्धपोत धीमे , बड़े और कमजोर लक्ष्य वाले होते हैं तो वहीं ज्वॉइन्ट स्ट्राइक शिप भारी रक्षात्मक हथियारों से लैस हो सकते हैं।
दक्षिण कोरिया के इस नए युद्धपोत में दो LIG Nex1 क्लोज-इन वेपन सिस्टम-II (CIWS-II) और मीडियम रेंज की K-SAAM सतह से हवा में मार करने वाली (SAM) मिसाइलों से लैस 48 KVLS-I यूनिट्स फिट की गई हैं। ज्वाइंट स्ट्राइक शिप में डिटेक्शन और आग पर काबू पाने के लिए KDDX को इंस्टॉल किया गया है। वहीं एक इंटीग्रेटेड I-MAST एक्टिव इलेक्ट्रॉनिक स्कैन्ड एरे (AESA) रडार भी इसमें फिट है। जहाज को मिसाइल अटैक से बचाने के लिए दो MASS शैफ डिकॉय लॉन्चर और दो एंटी-टारपीडो डिकॉय लॉन्चर भी इंस्टॉल किए गए हैं। जहाज में बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए 15 मिसाइल ट्यूब हैं, जिन्हें ह्यूनमू-IV-2 माना जाता है। यह ह्यूनमू-IV का सरफेस शिप वर्जन है।
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Harrison
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