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अध्ययन में पुरुषों के गर्भनिरोधक गोलियों को लेकर आशाजनक परिणाम सामने आए

Subhi
12 Jun 2022 12:44 AM GMT
अध्ययन में पुरुषों के गर्भनिरोधक गोलियों को लेकर आशाजनक परिणाम सामने आए
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सेक्स के बाद अकसर महिलाएं प्रेगनेंसी को लेकर चिंता में रहती हैं। हालांकि इससे बचने के बहुत सारे विकल्प इस समय बाजार में मौजूद हैं। पर उनमें से ज्यादातर की जिम्मदेारी महिलाओं पर ही है।

सेक्स के बाद अकसर महिलाएं प्रेगनेंसी को लेकर चिंता में रहती हैं। हालांकि इससे बचने के बहुत सारे विकल्प इस समय बाजार में मौजूद हैं। पर उनमें से ज्यादातर की जिम्मदेारी महिलाओं पर ही है। सोचिए अगर ऐसी कोई गर्भनिरोधक गोली आए, जिसे महिलाएं नहीं बल्कि पुरुष ले सके। यह सोच जल्दी ही पूरी होने वाली है। क्योंकि वैज्ञानिक ऐसी गोलियों का परीक्षण कर रहे हैं, जो पुरुषों में स्पर्म को प्रभावित कर महिलाओं को प्रेगनेंसी की चिंता से मुक्त कर सकें।

एक नए अध्ययन में दो पुरुष गर्भनिरोधक गोलियों पर प्रयोग किया गया। इस प्रयोग में सामने आया है कि ये गोलियां कोई साइड इफेक्ट पैदा किए बिना प्रभावी रूप से टेस्टोस्टेरोन को कम करती हैं। यह अध्ययन अटलांटा जीए में एंडोक्राइन सोसाइटी की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।

डीएमएयू (DMAU) और 11बी-एमएनटीडीसी (11b-MNTDC) नामक दो गर्भनिरोधक गोलियों, प्रोजेस्टोजेनिक एण्ड्रोजन नामक दवाओं के एक वर्ग का हिस्सा हैं। ये दवाएं टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को रोक देती हैं, जिससे शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है। टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करने से आम तौर पर होते साइड इफेक्ट होते हैं, लेकिन अध्ययन में अधिकांश पुरुष दवाओं का उपयोग जारी रखने के लिए तैयार थे, उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि इससे होने वाले साइड इफेक्ट स्वीकार्य हैं।

युनिस कैनेडी श्रीवर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ एंड ह्यूमन डेवलपमेंट में गर्भनिरोधक विकास कार्यक्रम के प्रमुख शोधकर्ता तमर जैकबसोहन ने कहा कि "पुरुष गर्भनिरोधक विकल्प वर्तमान में पुरुष नसबंदी और कंडोम तक ही सीमित हैं, और इस प्रकार महिला विकल्पों की तुलना में बेहद सीमित हैं।"

उन्होंने कहा कि "एक प्रभावी, प्रतिवर्ती पुरुष गर्भनिरोधक पद्धति के विकास से पुरुषों और महिलाओं के लिए प्रजनन विकल्पों में सुधार होगा।इससे अनपेक्षित गर्भावस्था को कम करने में मदद मिलेगी और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर एक बड़ा प्रभाव पड़ेगा। साथ ही पुरुषों को भी परिवार नियोजन में सक्रिय भूमिका निभाने की अनुमति देगा।"

अध्ययन के दौरान दो चरणों में किए गए नैदानिक परीक्षण (क्लीनिकल ट्रायल) में 96 स्वस्थ पुरुष प्रतिभागियों को शामिल किया गया था। प्रत्येक परीक्षण में, पुरुषों को 28 दिनों के लिए प्रतिदिन सक्रिय दवा या प्लेसबो की दो या चार गोली अपनी इच्छा अनुसार लेने को कहा गया। सक्रिय दवा लेने के सात दिनों के बाद, इन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर सामान्य से नीचे पाया गया जबकि प्लेसबो लेने वाले पुरुषों में, टेस्टोस्टेरोन का स्तर सामान्य सीमा के भीतर रहा।

अध्ययन में पाया गया कि सक्रिय दवा लेने वाले 75 प्रतिशत पुरुषों ने कहा कि वे भविष्य में इसका इस्तेमाल करने के इच्छुक हैं, जबकि प्लेसबो लेने के इच्छुक 46.4 प्रतिशत थे। जिन पुरुषों ने चार-गोली दैनिक खुराक (400 मिलीग्राम) के रूप में ली, उनमें दो-गोली (200-मिलीग्राम) लेने वालों की तुलना में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम था। हालांकि सक्रिय दवा लेने वालों और प्लेसबो लेने वाले समूहों के बीच दवा को लेकर संतुष्टि या भविष्य में इसका उपयोग करने या दूसरों को इसकी सिफारिश करने को लेकर कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं था।

जैकबसोहन ने कहा कि "क्लीनिकल ट्रायल्स में पुरुषों के सकारात्मक अनुभव और पुरुष गर्भनिरोधक गोली के लिए स्वीकार्यता की उच्च दर आने वाले दशकों में पुरुषों द्वारा जन्म नियंत्रण संभावित रूप से व्यापक रूप से उपलब्ध होने पर आमजन को उत्साहित करने का काम करेंगे।"

कैसे काम करेंगी पुरुषों की गर्भनिरोधक गोलियां

इस गर्भनिरोधक गोली का अभी तक इंसानों पर जो सफलतापूर्वक अध्ययन किया गया है। उसमें खास बात यह कि इन गोलियों का किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है।

मेल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स को तैयार करने वाले शोधकर्ताओं का दावा है कि यह गोली पूर्ण रूप से प्रेगनेंसी रोकने में सफल है। दरअसल यह गोलियां पुरुषों में स्पर्म बनने से रोकेंगी। जिसके कारण सेक्स के दौरान महिला साथी के प्रेग्नेंट होने की संभावनाएं 99 फीसदी तक कम होंगी।


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