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अध्ययन में हुआ खुलासा, ओमीक्रोन संक्रमण का संबंध बच्चों में पाए जाने वाली सांस से जुड़ी बीमारी से

Neha Dani
16 March 2022 9:20 AM GMT
अध्ययन में हुआ खुलासा, ओमीक्रोन संक्रमण का संबंध बच्चों में पाए जाने वाली सांस से जुड़ी बीमारी से
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इनमें से 80 प्रतिशत मामले कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप के मामले फैलने के दौरान सामने आए.

सार्स-सीओवी-2 के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) से संक्रमण का संबंध छोटे बच्चों में आम तौर पर पाई जाने वाली श्वसन संबंधी बीमारी से है, जिसे कंठशोथ या क्रूप कहा जाता है. यह सांस की नली से जुड़ा संक्रमण है, जो सांस को रोकता है और जिसमें एक खास किस्म की सूखी खांसी होती है. इस बात का खुलासा हाल ही में किए गए अध्ययन के बाद हुआ है.

ओमिक्रॉन फैलने के दौरान आए ज्यादा मामले
हाल में पत्रिका 'पीडियाट्रिक्स' में प्रकाशित अध्ययन में उन 75 बच्चों का जिक्र किया गया है जो एक मार्च 2020 से 15 जनवरी 2022 तक क्रूप और कोविड-19 की समस्या के साथ बोस्टन चिल्ड्रंस हॉस्पिटल के आपात विभाग में आए. अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि कुछ मामले बहुत गंभीर थे, जिसमें अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता पड़ी और ऐसे बच्चों को अन्य वायरस से होने वाले क्रूप के इलाज में दी जाने वाली दवाओं की खुराक से अधिक खुराक देनी पड़ी. इनमें से 80 प्रतिशत मामले कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप के मामले फैलने के दौरान सामने आए.
कब होती है क्रूप बीमारी?
अध्ययन के पहले लेखक 'बोस्टन चिल्ड्रंस हॉस्पिटल और बोस्टन मेडिकल सेंटर' के रयान ब्रूस्टर ने कहा, 'तस्वीर बहुत साफ है कि जब ओमीक्रोन के अधिक मामले आए, तो तभी क्रूप के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी.' क्रूप बीमारी तब होती है जब सर्दी और अन्य संक्रमण से वॉयस बॉक्स, सांस की नली और श्वसन नली के आसपास सूजन हो जाती है. गंभीर मामलों में इससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.
पशुओं पर पूर्व के कोविड-19 अध्ययनों से पता चलता कि अन्य वेरिएंट के मुकाबले ओमिक्रॉन वेरिएंट ऊपरी वायु मार्ग में अधिक दिक्कत पैदा करता है. ब्रूस्टर ने कहा कि हो सकता है कि इसी वजह से ओमिक्रॉन के मामले बढ़ने के दौरान क्रूप के अचानक मामले आने लगे हो.
2 साल तक थी क्रूप से पीड़ित बच्चों की उम्र
अध्ययन के अनुसार, कोविड-19 और क्रूप से पीड़ित ज्यादातर बच्चों की आयु दो साल तक थी और 72 प्रतिशत लड़के थे. अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि हालांकि किसी बच्चे की मौत नहीं हुई लेकिन 75 में नौ बच्चों को गहन चिकित्सा कक्ष (ICU) में भर्ती कराना पड़ा.


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