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आर्कटिक महासागर में समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र भी बाधित हुआ है।
ग्रीनलैंड में अत्यधिक बर्फ पिघलने से वैश्विक बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। एक अध्ययन के अनुसार पिछले एक दशक में ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर से जो 3.5 खरब (ट्रिलियन) टन बर्फ पिघली है, उसने पूरी दुनिया में समुद्र के स्तर को एक सेंटीमीटर बढ़ा दिया है।
नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में सोमवार को प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं की अंतरराष्ट्रीय टीम ने समय के साथ सतह की ऊंचाई में बदलाव के अनुमानों का उपयोग करते हुए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के क्रायोसैट-2 उपग्रह मिशन से माप का उपयोग किया। अध्ययन के सह लेखक ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी कालेज लंदन (यूसीएल) के लिन गिल्बर्ट ने कहा, 'अवलोकन से पता चलता है कि ग्रीनलैंड में अत्यधिक मात्रा में बर्फ पिघलने की घटनाएं लगातार हो रही हैं, जो एक वैश्विक समस्या है। अंतरिक्ष से निगरानी हमें पूरे ग्रीनलैंड (और लगभग सभी अंटार्कटिका) को बार-बार कवर करने में सक्षम बनाती है, जो जमीन स्तर पर टीम द्वारा नहीं किया जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि पिछले चार दशकों में ग्रीनलैंड के बर्फ पिघलने के कारण पानी के प्रवाह में 21 फीसद की वृद्धि हुई है। वर्ष 2011 और वर्ष 2020 के बीच ग्रीनलैंड से बढ़े हुए पिघले पानी के प्रवाह ने वैश्विक समुद्र स्तर को एक सेंटीमीटर बढ़ा दिया, जिससे दुनियाभर में बाढ़ का खतरा बढ़ गया। आर्कटिक महासागर में समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र भी बाधित हुआ है।
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