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कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ों को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं और कहा जाता रहा है कि
कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ों को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं और कहा जाता रहा है कि सही आंकड़ों को छुपाया जा रहा है। अब इसको लेकर वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन इंस्टीट्यूट ने एक विश्लेषण किया है और दावा किया है कि लगभग सभी बड़े देशों ने कोरोना से मौत के सही आंकड़ों को छुपाया है। इसमें भारत से लेकर अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और इटली आदि देश शामिल हैं।
वर्ल्डोमीटर्स नामक वेबसाइट के आंकड़ों के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक कोरोना से 33 लाख 59 हजार लोगों की मौत हुई है। दरअसल, ये अलग-अलग देशों द्वारा सरकारी आंकड़ों में दिखाए गए मौतों के डाटा को जोड़कर बताया गया है। लेकिन हेल्थ मेट्रिक्स के विश्लेषण के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक कोरोना से करीब 6.9 मिलियन यानी 69 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े सरकारी आंकड़ों से दोगुने से भी ज्यादा हैं।
हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन इंस्टीट्यूट के विश्लेषण के मुताबिक, कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें अमेरिका में ही हुई हैं, लेकिन सरकारी आंकड़ों में काफी कम दिखाया गया है। अगर भारत और मैक्सिको की बात करें तो यहां दो गुना अधिक मौतें हुईं हैं, जबकि रूस में पांच गुना अधिक।
किस देश में कोरोना से अब तक कितनी मौतें (सरकारी आंकड़े- वर्ल्डोमीटर्स के मुताबिक)
अमेरिका - 5,98,540 मौतें
भारत - 2,62,350 मौतें
मेक्सिको - 2,19,901 मौतें
ब्राजील - 4,30,596 मौतें
रूस - 1,14,723 मौतें
ब्रिटेन - 1,27,651 मौतें
इटली - 1,23,745 मौतें
ईरान - 76,231 मौतें
मिस्र - 14,150 मौतें
दक्षिण अफ्रीका - 55,012 मौतें
कोरोना से मौत के सही आंकड़े (हेल्थ मेट्रिक्स के मुताबिक)
अमेरिका - 9,05,289 मौतें
भारत - 6,54,395 मौतें
मेक्सिको - 6,17,127 मौतें
ब्राजील - 5,95,903 मौतें
रूस - 5,93,610 मौतें
ब्रिटेन - 2,09,661 मौतें
इटली - 1,75,832 मौतें
ईरान - 1,74,177 मौतें
मिस्र - 1,70,041 मौतें
दक्षिण अफ्रीका - 1,60,452 मौतें
क्यों सरकारी आंकड़ों में कम हैं मौतों के मामले?
शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना से होने वाली मौतों को सिर्फ उन्हीं जगहों पर रिपोर्ट किया गया, जो अस्पताल में भर्ती थे या उनके संक्रमण की सरकारी आंकड़ों में पुष्टि हुई थी। घरों में या अस्पताल के बाहर हुई मौतों को सरकारी आंकड़ों में शामिल नहीं किया गया। मौत के आंकड़ों के कम होने की एक वजह ये भी है कि कई जगहों पर टेस्टिंग कम हुई हैं, जिससे मौतों की असली वजह पता नहीं चल पाई और उन्हें कोरोना के कारण होने वाली मौतों के आंकड़ों में शामिल नहीं किया गया।
अस्वीकरण नोट: यह लेख वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए विश्लेषण और वर्ल्डोमीटर्स नामक वेबसाइट के आंकड़ों के आधार पर तैयार किया गया है।
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