अध्ययन का दावा: कोरोना के कारण बच्चों में लांग हो रहे हैं दुर्लभ
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| बच्चों में लांग कोविड के लक्षण दुर्लभ होते हैं। ज्यादातर बच्चे जिनमें कोरोना के लक्षण होते हैं वे छह दिनों में ठीक हो जाते हैं। वहीं चार हफ्ते से अधिक तक लक्षणों का अनुभव करने वाले बच्चों की संख्या बेहद कम है।
लांसेट चाइल्ड एंड एडोलसेंट हेल्थ जर्नल में प्रकाशित यूके के एक बड़े अध्ययन में यह दावा किया गया है। यूके के किंग्स कॉलेज लंदन की प्रोफेसर एम्मा डंकन ने कहा कि इससे पता चलता है कि कोरोना के लक्षणों का लंबे समय तक अनुभव करने वाले बच्चों की संख्या कम है। हालांकि बहुत कम बच्चे कोरोना के साथ लंबी बीमारी का अनुभव करते हैं।
गौरतलब है कि शोधकर्ताओं ने पाया है कि कुछ वयस्कों को कोरोना के बाद लंबी बीमारी का अनुभव होता है, जिसे लांग कोविड कहत है। इसमें लक्षण चार सप्ताह या उससे अधिक समय तक बने रहते हैं, लेकिन यह ज्ञात नहीं है कि बच्चे यह स्थिति होती है या नहीं।
डंकन ने कहा कि कोरोना से संक्रमित कई बच्चों में लक्षण विकसित नहीं होते हैं, लेकिन उनमें हल्के संक्रमण होने की प्रवृत्ति होती है। शोध में जाव कोविड स्टडी स्मार्टफोन ऐप के माध्यम से एकत्र किए गए डेटा का उपयोग किया गया। इसमें पांच से 17 वर्ष की आयु के 2,50,000 से अधिक यूके के बच्चों का डेटा शामिल है। इनमें से 1,734 बच्चों में कोरोना के लक्षण विकसित हुए।
इन बच्चों में ये लक्षण तब तक मिले जब तक कि ये बच्चे स्वस्थ नहीं हो गए। अध्ययन में पाया गया कि अधिकांश बच्चे चार सप्ताह के अंदर ठीक हो गए, जबकि कुछ बच्चे ही एक महीने के बाद भी लक्षणों का अनुभव कर रहे थे।
आमतौर पर उनमें चार सप्ताह के बाद केवल दो लक्षण शेष थे। लांग कोविड में बच्चों द्वारा अनुभव किया जाने वाला सबसे आम लक्षण थकान का था। कम से कम 84 प्रतिशत बच्चों में बीमारी के दौरान थकान सबसे आम लक्षण था।