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अध्ययन: 'स्पुतनिक-वी' की एक खुराक भी कोरोना के खिलाफ है कारगर, बनाती है ज्यादा रोग प्रतिरोधक क्षमता

Gulabi
14 July 2021 12:12 PM GMT
अध्ययन: स्पुतनिक-वी की एक खुराक भी कोरोना के खिलाफ है कारगर, बनाती है ज्यादा रोग प्रतिरोधक क्षमता
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कोविड-19 रोधी वैक्सीन ‘स्पुतनिक-वी’ की एक डोज सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बना सकती है

Sputnik V Covid-19 Vaccine Study: कोविड-19 रोधी वैक्सीन 'स्पुतनिक-वी' की एक डोज सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बना सकती है. एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. सार्स-सीओवी-2 वायरस के कारण ही कोविड-19 होता है (Study on Sputnik V Vaccine). इससे पहले एक अध्ययन में 'स्पुतनिक-वी' की दो डोज के कोविड-19 के खिलाफ 92 प्रतिशत रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाने की बात सामने आई थी. 'स्पुतनिक-वी' का निर्माण दो 'एडिनोवायरस' को मिलाकर किया गया है.

ये ऐसे वायरस हैं, जो सर्दी, बुखार और गले में खराश के साथ कई तरह की बीमारी का कारण बनते हैं (Sputnik V Vaccine Efficacy). पत्रिका 'सेल रिपोर्ट मेडिसिन' में मंगलवार को प्रकाशित एक नए अध्ययन में यह पता लगाने की कोशिश की गई कि क्या वैक्सीन की एक डोज, दो डोज की तुलना में जन स्वास्थ्य को अधिक फायदा पहुंचा सकती है, जिससे की बड़ी आबादी को जल्द से जल्द वैक्सीन लगाए जा सकें.
आंकड़े संकलित करने की तत्काल आवश्यकता
इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक एवं अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स के 'फंडेसियन इंस्टीट्यूटो लेलोइर-कॉनिकेट' के एंड्रिया गामार्निक ने कहा, 'दुनिया के कई क्षेत्रों में सीमित वैक्सीन की आपूर्ति और असमान वैक्सीन वितरण के कारण, स्वास्थ्य अधिकारियों को टीकाकरण रणनीतियों (Vaccination Strategy) को अनुकूलित करने के लिए वैक्सीन की रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़े आंकड़े संकलित करने की तत्काल आवश्यकता है.
289 स्वास्थ्यकर्मियों पर हुआ अध्ययन
उन्होंने कहा, 'हमारे द्वारा प्रस्तुत सहकर्मी-समीक्षा आंकड़े वर्तमान वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल में सार्वजनिक स्वास्थ्य निर्णयों का मार्गदर्शन करने के लिए जानकारी प्रदान करते हैं.' शोधकर्ताओं ने नए अध्ययन में 289 स्वास्थ्यकर्मियों पर 'स्पुतनिक-वी' की एक डोज और दो डोज की सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ बनी रोग प्रतिरोधक क्षमता की तुलना की. पहली डोज के बाद, इन प्रतिभागियों में से 94 प्रतिशत में वायरस के खिलाफ 'इम्युनोग्लोबुलिन जी (आईजीजी) एंटीबॉडी' विकसित हुई और 90 प्रतिशत ने 'एंटीबॉडी' को निष्क्रिय करने के सबूत दिखाए, जो कोशिकाओं को संक्रमित करने के लिए वायरस की क्षमता में हस्तक्षेप करते हैं.
अध्ययन में क्या जानकारी सामने आई?
अनुसंधान ने पाया कि पहले से संक्रमित प्रतिभागियों में आईजीजी और 'न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी' का स्तर एक डोज के बाद उन लोगों की तुलना में काफी अधिक था, जिन्हें संक्रमण नहीं हुआ था. वहीं दूसरी डोज ने पहले से संक्रमितों में 'एंटीबॉडी' को निष्क्रिय करने के उत्पादन में वृद्धि नहीं की (Results of Sputnik V Vaccine Study). उन्होंने कहा कि इन लोगों को एक डोज के बाद उच्च रोग प्रतिरोधक क्षमता का स्तर, दूसरी डोज देरी से लगाए जाने का प्रशासन को सुझाव देता है, ताकि अधिक से अधिक लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीन लग सके.
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