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अध्ययनों में दावा: कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट इस समय पूरी दुनिया के लिए बना चिंता का कारण

Neha Dani
21 Sep 2021 6:56 AM GMT
अध्ययनों में दावा: कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट इस समय पूरी दुनिया के लिए बना चिंता का कारण
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वहीं फाइजर के टीके को इसमें 80 फीसदी जबकि जॉनसन एंड जॉनसन को 60 फीसदी तक कारगर पाया गया है।

कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट इस समय पूरी दुनिया के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। अध्ययनों में दावा किया जा रहा है कि वैक्सीन लेने वाले लोगों में कोरोना के इस घातक वैरिएंट का खतरा कम हो सकता है। हालांकि कौन सी वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट पर ज्यादा असरदार है इसको लेकर शोध जारी है। इस बीच, कोरोना वायरस के अलग-अलग वैरिएंट के खिलाफ दुनिया की पहली मल्टी वैरिएंट कोरोना वैक्सीन का ट्रायल ब्रिटेन में शुरू हो गया है। ब्रिटेन के मैनचेस्टर शहर में कोविड-19 के खिलाफ दुनिया की पहली मल्टी-वैरिएंट कोरोना वैक्सीन का परीक्षण शुरू कर दिया गया है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को 60 वर्षीय एक विवाहित जोड़ा इस ट्रायल में शामिल होने वाला पहला भागीदार बन गया। दुनिया की पहली मल्टी-वैरिएंट कोरोना वैक्सीन का ट्रायल मैनचेस्टर विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) फाउंडेशन ट्रस्ट के बीच सहयोग से किया जा रहा है। यूएस फार्मास्युटिकल कंपनी ग्रिटस्टोन द्वारा लॉन्च की गई जीआरटी-आर910 नामक दवा, पहली पीढ़ी के कोविड-19 वैक्सीन की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को सार्स-कोव-2 के व्यापक रूपों के लिए बढ़ावा देने का दावा करती है, जो बीमारी का कारण बनती है।
डेल्टा वैरिएंट से सुरक्षित रखने में माडर्ना वैक्सीन ज्यादा असरदार
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने अपने हालिया अध्ययन में बताया कि डेल्टा वैरिएंट्स से सुरक्षा देने में फाइजर और जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन के मुकाबले मॉडर्ना की वैक्सीन ज्यादा असरदार हो सकती है। मार्बिडिटी एंड मार्टेलिटी वीकली रिपोर्ट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं का कहना है कि वैसे तो कोरोना के सभी टीके संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने या मौत के खतरे से सुरक्षा दे सकते हैं। हालांकि डेल्टा वैरिएंट से सुरक्षित रखने में अमेरिका की माडर्ना वैक्सीन की प्रभाविकता अधिक पाई गई है। अध्ययन के मुताबिक, माडर्ना वैक्सीन अस्पताल में भर्ती होने के खतरे को 95 फीसदी तक कम कर सकते हैं। वहीं फाइजर के टीके को इसमें 80 फीसदी जबकि जॉनसन एंड जॉनसन को 60 फीसदी तक कारगर पाया गया है।


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