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कड़ा विरोध: अपने देश में ही भारी व‍िरोध झेल रहे पुतिन, लोगों ने कहा- किलर और...

jantaserishta.com
25 Feb 2022 9:32 AM GMT
कड़ा विरोध: अपने देश में ही भारी व‍िरोध झेल रहे पुतिन, लोगों ने कहा- किलर और...
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नई दिल्ली: यूक्रेन पर हमला कर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने ही घर में घिर गए हैं. उनके अपने देश में ही उनका विरोध शुरू हो गया है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पुतिन के खिलाफ रूस के 54 शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं, जिनमें 1,700 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.

जैसे ही यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान हुआ, वैसे ही रूस में सोशल मीडिया पर इसका विरोध भी शुरू हो गया. गुरुवार सुबह से ही सैकड़ों पोस्ट में लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं. रूसी लोग इसे 1979 में अफगानिस्तान में सोवियत के हमले के बाद अब तक सबसे बड़ा हमला बता रहे हैं.
हालांकि, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसे हमला न बताकर सैन्य कार्रवाई का नाम दे रहे हैं. उनका कहना है कि पूर्वी यूक्रेन के लोगों को 'नरसंहार' से बचाने के लिए ये किया जा रहा है.
मॉस्को की एक्टिविस्ट तात्याना उस्मानोवा ने फेसबुक पर लिखा कि वो ये सब सपना देख रही हैं, लेकिन जब उन्होंने सुबह साढ़े 5 बजे यूक्रेन पर हमले की खबर देखी तो हैरान रह गईं. उन्होंने कहा कि ये अपमान अब हमारे साथ हमेशा रहेगा. उन्होंने लिखा, 'मैं यूक्रेन के लोगों से माफी मांगना चाहती हूं. जिसने जंग की शुरुआत की, उसे हमें वोट नहीं करना चाहिए था.'
यूक्रेन पर हमले को रोकने के लिए रूसी नागरिक राष्ट्रपति को ओपन लेटर लिख रहे हैं, साथ ही ऑनलाइन पिटीशन पर भी साइन कर रहे हैं.
ह्यूमन राइट्स एडवोक्ट लेव पोनोमेवयोव की पिटीशन पर गुरुवार को करीब साढ़े 3 लाख से ज्यादा लोग साइन कर चुके हैं. वहीं, 250 से ज्यादा पत्रकारों ने राष्ट्रपति के नाम एक खुला पत्र लिखा है. इसके साथ ही 250 से ज्यादा वैज्ञानिकों और म्युनिसिपल काउंसिल के 250 से ज्यादा सदस्यों ने भी एक पिटीशन पर साइन की है.
आम ही नहीं, बल्कि खास लोग भी पुतिन के विरोध में आ गए हैं. मॉस्को थियेटर की डायरेक्टर येलेना कोवाल्सकाया ने फेसबुक पर अपनी नौकरी छोड़ने का ऐलान किया है. उन्होंने लिखा, 'एक किलर के लिए काम करना और उससे सैलरी लेना संभव नहीं है.'
ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट मारिना लित्विनोविच ने एक वीडियो जारी कर कहा, 'यूक्रेन पर व्लादिमीर पुतिन के हमले पर आपमें से बहुत से लोग हताश, लाचार और शर्म महसूस कर रहे होंगे, लेकिन मैं आपसे निराश न होने की अपील करती हूं.' उन्होंने कहा कि एक रूसी नागरिक होने के नाते हम पुतिन की ओर से शुरू किए गए इस युद्ध के खिलाफ हैं. हम इस जंग का समर्थन नहीं करते हैं.
रूस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों की आवाज दबानी भी शुरू कर दी है. मारिना लित्विनोविच ने प्रदर्शन बुलाया था, लेकिन कुछ ही देर में उन्हें हिरासत में ले लिया गया. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, रूस के 54 शहरों से अब तक 1,745 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है, जिनमें से 957 लोग मॉस्को से हिरासत में लिए गए हैं. सेंट पीटर्सबर्ग में भी प्रदर्शन के लिए जुटे कई लोगों को हिरासत में लिया गया है.
गुरुवार दोपहर को रूस ने एक आदेश जारी करते हुए लोगों को बेवजह प्रदर्शन न करने की चेतावनी दी है. इसके साथ ही मीडिया से भी कहा गया है कि रूस की ओर से जारी किए गए वीडियो और डेटा को ही दिखाया जाए. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सरकारी फंड से चलने वाले मीडिया हाउसेस के कर्मचारियों को यूक्रेन संकट पर पब्लिक में कुछ भी न बोलने की हिदायत दी गई है.
अमेरिका में भी व्हाइट हाउस के बाहर यूक्रेन पर हमले के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. वहीं, भारत में भी आज शाम रूस की एंबेसी के बाहर प्रदर्शन है. ये प्रदर्शन यूक्रेन में फंसे भारतीयों के परिजनों ने बुलाया है. भारतीयों ने भी रूस से ये जंग खत्म करने की अपील की है.
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