विश्व

क्वाड मीटिंग में मुंबई में 26/11 के हमले और पठानकोट सहित भारत में हुए आतंकी हमलों की अपनी निंदा करते हुए पाक को कड़ा संदेश

Renuka Sahu
12 Feb 2022 1:46 AM GMT
क्वाड मीटिंग में मुंबई में 26/11 के हमले और पठानकोट सहित भारत में हुए आतंकी हमलों की अपनी निंदा करते हुए पाक को कड़ा संदेश
x

फाइल फोटो 

मुंबई में 26/11 के हमले और पठानकोट हमलों सहित भारत में हुए आतंकी हमलों की अपनी निंदा करते हुए, क्वाड देशों ने शुक्रवार को भारत में सीमा पार से चलाई जा रही आतंकवादी हरकतों को बंद करने और सदस्य देशों से मिलकर आतंकवाद की सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करने का आग्रह किया ।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मुंबई में 26/11 के हमले और पठानकोट हमलों सहित भारत में हुए आतंकी हमलों की अपनी निंदा करते हुए, क्वाड देशों ने शुक्रवार को भारत में सीमा पार से चलाई जा रही आतंकवादी हरकतों को बंद करने और सदस्य देशों से मिलकर आतंकवाद की सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करने का आग्रह किया ।

क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की मेलबर्न में हुई बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में सभी देशों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया कि उनके नियंत्रण वाले क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी हमले शुरू करने के लिए नहीं किया जाए। साथ ही इस के हमलों के दोषियों के संबंध में शीघ्रता से न्याय किया जाए। इस बयान में भारत की चिंताओं को दर्शाया गया है जो पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद का शिकार रहा है।
बैठक में भारत, आस्ट्रेलिया और जापान के विदेश मंत्री और अमेरिका के विदेश मंत्री शामिल हुए। क्वाड हिंद-प्रशांत देशों के साथ काम करने और सभी रूपों का मुकाबला करने के लिए बहुपक्षीय मंचों पर सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्री- चीन के साथ टाला जा सकता है टकराव
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार को कहा कि चीन के साथ टकराव अपरिहार्य नहीं है, लेकिन अमेरिका को अपने सहयोगियों के साथ नियम-आधारित प्रणाली के लिए खड़ा रहना होगा, जिस प्रणाली को चीनी हमले से खतरा है। हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के इन चार लोकतांत्रिक देशों के समूह को 'क्वाड' का नाम दिया गया है, जिसका गठन चीन के क्षेत्रीय प्रभाव का मुकाबला करने के लिए किया गया है। एक पत्रकार द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में चीन के साथ टकराव अपरिहार्य है, ब्लिंकन ने जवाब दिया, 'कुछ भी अपरिहार्य नहीं है।' उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि हम हाल के वर्षों में चीन के आक्रामक रुख को लेकर अपनी चिंताएं साझा करते हैं। चीन का घरेलू स्तर पर काफी आक्रामक रुख तो है ही, इस क्षेत्र में भी उससे कहीं ज्यादा आक्रामक रुख है।'
Next Story