भारत के साथ सीमा विवाद में उलझा चीन अपनी आक्रामकता के लिए जगजाहिर है। उसकी यह आक्रामकता न केवल देश के बाहर बल्कि देश के अंदर भी दिखती है। कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ आवाज उठाने पर चीन में सख्त सजा दी जाती है। हाल ही में चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के एक शीर्ष अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई के गायब होने की खबर सुर्खियों में थी। अब संयुक्त राष्ट्र ने चीन की महिला पत्रकार एवं पूर्व वकील झांग झान के उत्पीड़न पर चिंता जाहिर की है। पेंग और झांग के मामले में एक बार फिर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की तानाशाही पर सवाल उठने लगे हैं। खास बात यह है कि ये चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर यह आरोप तब लग रहे हैं जब अमेरिका एवं पश्चिमी देश चीन में मानवाधिकार उल्लंघन और कोरोना की उत्पत्ति को लेकर चीन पर सवाल उठा रहे हैं।