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कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के खिलाफ आवाज उठाने पर चीन में दी सख्‍त सजा, जानें पूरा मामला

Neha Dani
24 Nov 2021 9:51 AM GMT
कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के खिलाफ आवाज उठाने पर चीन में दी सख्‍त सजा, जानें पूरा मामला
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बाद जैक सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए।

भारत के साथ सीमा विवाद में उलझा चीन अपनी आक्रामकता के लिए जगजाहिर है। उसकी यह आक्रामकता न केवल देश के बाहर बल्कि देश के अंदर भी दिखती है। कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के खिलाफ आवाज उठाने पर चीन में सख्‍त सजा दी जाती है। हाल ही में चीन में कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के एक शीर्ष अधिकारी के खिलाफ यौन उत्‍पीड़न का आरोप लगाने वाली टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई के गायब होने की खबर सुर्खियों में थी। अब संयुक्‍त राष्‍ट्र ने चीन की मह‍िला पत्रकार एवं पूर्व वकील झांग झान के उत्‍पीड़न पर चिंता जाहिर की है। पेंग और झांग के मामले में एक बार फ‍िर चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की तानाशाही पर सवाल उठने लगे हैं। खास बात यह है कि ये चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी पर यह आरोप तब लग रहे हैं जब अमेरिका एवं पश्चिमी देश चीन में मानवाधिकार उल्‍लंघन और कोरोना की उत्‍पत्ति को लेकर चीन पर सवाल उठा रहे हैं।

आखिर झांग को क्‍यों मिली सजा
1- संयुक्‍त राष्‍ट्र ने झांग को लेकर यह चिंता तब जाहिर की है, जब अमेरिका चीन को कोरोना के प्रसार के लिए दोषी मान रहा है। इस मामले में बाइडन प्रशासन अपने पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन का अनुसरण कर रहा है। अमेरिका कई बार चीन की सरकार पर निष्‍पक्ष जांच में बाधा उत्‍पन्‍न करने का आरोप लगा चुका है। ऐसे में झांग का मामला और गंभीर हो सकता है। बता दें कि झांग पेशे से पत्रकार हैं। कोरोना महामारी के दौरान उन्‍होंने चीन के वुहान शहर में रिर्पोटिंग की थी। उनकी रिपोर्ट से चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी नाखुश थी। चीन की सरकार ने झांग को जेल में डाल दिया तब वह अन्‍याय के खिलाफ जेल में भूख हड़ताल पर बैठ गईं। अब उनकी हालत काफी नाजुक है। उनको नाक के जरिए तरल पदार्थ दे रहे हैं।
2- 38 वर्षीय झांग झान ने फरवरी 2020 में वुहान में महामारी के प्रबंधन को लेकर सवाल खड़े किए थे। झांग ने बाकयदा इसका वीडियो भी बनाया था। रिपोर्ट पेश करने पर उन्हें मई 2020 में हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद सरकारी कामकाज में बाधा डालने के आरोप में झांग को चार सालों की सजा सुनाई गई। झांग ने ट्विटर पर लिखा है कि आने वाली सर्दी के मौसम में शायद वह जिंदा न रहें। उनकी इस ट्विटर के बाद अंतरराष्‍ट्रीय एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने गुरुवार को चीन की सरकार से झांग को तुरंत रिहा करने की मांग की। एमनेस्टी के कंपेनर ग्वेन ली ने एक बयान में कहा कि झांग को हिरासत में लिया जाना 'मानवाधिकारों पर एक शर्मनाक हमला है।
यौन उत्‍पीड़न का आरोप लगाने वाली टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई गायब
1- हाल में चीन में कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के एक शीर्ष अधिकारी के खिलाफ यौन उत्‍पीड़न का आरोप लगाने वाली टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई के गायब होने की खबर सुर्खियों में है। पेंग के गायब होने के साथ ही एक बार फ‍िर चीन की सत्‍ता पर आसीन कम्‍युनिस्‍ट पार्टी चर्चा में थी। पेंग ने कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की सबसे शक्तिशाली पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष और सदस्य झांग गाओली पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। वर्ष 2013 के विंबलडन में महिला डबल्स में और 2014 के फ्रेंच ओपन में जीतने वाली दुनिया की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी पेंग तीन बार ओलंपिक में भी भाग ले चुकी हैं। बीजिंग में 4 फरवरी से विंटर गेम की शुरुआत होनी है और इस लिहाज से पेंग का लापता होना और चर्चा में है।
2- दो नंवबर को पेंग उस समय सुर्खियों में आईं जब उन्‍होंने सोशल मीडिया पर अपने उत्‍पीड़न का एक लंबा पोस्ट लिखा। झांग ने तील साल पहले जबरन उनके साथ शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की, जबकि वह बार-बार मना करती रहीं। हालांकि, यह पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफार्म वीबो पर उनके वेरिफाइड अकाउंट से जल्द ही हटा दी गई। लेकिन अब इस सनसनीखेज खुलासे के स्क्रीनशाट चीन में इंटरनेट पर फैल गए हैं।
इसके पूर्व भी कई नामचीन लोग अचानक हुए गायब
1- चीन में और कई नामचीन महिलाएं गायब हो चुकी हैं। वर्ष 2017 में चीन की कारोबारी महिला वेइहांग भी लापता हो गई थीं। वेइहांग के पति ने चीन के समृद्ध वर्गों में भ्रष्टाचार का खुलासा किया था।
2- मार्च 2020 में राष्‍ट्रपति शी चिनफ‍िंग की निंदा करने के बाद रियल एस्‍टेट के कारोबारी रेन झिक्यिआंग गायब हो गए थे। इसके बाद उनको भ्रष्‍टाचार के मामले में फंसाकर 18 वर्ष की सजा दी गई।
3- इसके पूर्व चीन के प्रमुख कारोबारी व ई-कामर्स कंपनी अलीबाबा ग्रुप के फाउंडर जैक मा और लोकप्रिय अभिनेत्री फान बिंगबिंग को भी चीनी सत्‍ता के खिलाफ बोलने की सख्‍त सजा मिल चुकी है। जैक का कसूर सिर्फ इतना ही था कि उन्‍हाेंने अक्‍टूबर 2020 में एक भाषण में नियामकों को बहुत रूढ़िवादी बताया था। सरकार की निंदा के बाद जैक सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए।

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