x
फाइल फोटो
नई दिल्ली:- भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाने और उनके विरोध में नारेबाजी के खिलाफ नेपाल सरकार ने सख्त आदेश निकाले हैं। पिछले कई दिनों से नेपाल में एक नेपाली युवक की मौत के मसले पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। नेपाली युवक की मौत उत्तराखंड के बॉर्डर जिले पिथौरागढ़ से लगती काली नदी में गिरने से हुई थी।
धारचूला के गस्कू में अवैध तरीके से भारत में प्रवेश कर रहे नेपाली युवक जय सिंह धामी की 30 जुलाई को काली नदी में गिरने से मौत हो गई थी। नेपाल में विरोध कर रहे लोगों का आरोप है कि युवक की मौत के लिए एसएसबी जिम्मेदार है। उनका कहना है कि जब तार के सहारे युवक नदी पार कर रहा था तो एसएसबी ने तार काट दिया था। हालांकि एसएसबी ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया। नेपाल में सत्ता में शामिल कम्युनिस्ट पार्टी के यूथ विंग और स्टूडेंट विंग के लोग विरोध कर रहे हैं और भारत के पीएम का पुतला जला रहे हैं।
अब नेपाल के गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर ऐसी हरकत करने वालों के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही है। नेपाल गृह मंत्रालय ने बयान में कहा है कि पिछले कुछ दिनों से हमारे मित्र देश के प्रधानमंत्री की इमेज खराब करने के लिए उनके खिलाफ नारेबाजी और उनका पुतला जलाने की घटनाएं सामने आई हैं। होम मिनिस्ट्री को इस तरह की असम्मानजनक हरकत पर गहरी आपत्ति है।
बयान में कहा गया है कि नेपाल सरकार अपने सभी मित्र देशों के साथ दोस्ती का संबंध रखना चाहती है। नेपाल सरकार किसी भी हालत में ऐसी घटनाएं नहीं होने देगी जिससे राष्ट्रीय हित को नुकसान हो। नेपाल गृह मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि हमारी परंपरा रही है कि हम पड़ोसी देश के साथ विवाद को आपसी बातचीत और डिप्लोमेटिक तरीके से सुलझाते रहे हैं। भविष्य में भी किसी भी विवाद के निपटारे के लिए बातचीत का ही सहारा लिया जाएगा। नेपाल गृह मंत्रालय ने कहा कि पड़ोसी मित्र देश के खिलाफ किसी भी एक्टिविटी को कंट्रोल करने को लिए गृह मंत्रालय कदम उठाएगा और ऐसे लोगों को सजा दी जाएगी जो इस तरह की इललीगल एक्टिविटी करते हैं।
Next Story