बांग्लादेश में एक हिंदू मंदिर में मूर्ति तोड़े जाने का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक यह मंदिर औपनिवेशिक काल का था। कुछ अज्ञात लोगों ने मंदिर के एक देवता की मूर्ति तोड़ डाली। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने आरोपियों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
काली मंदिर का मामला
समाचार पोर्टल 'बीडीन्यूज डॉट कॉम' ने मंदिर समिति के अध्यक्ष सुकुमार कुंडा के हवाले से जानकारी दी। इसके मुताबिक बांग्लादेश के झेनाइदाह जिले के दौतिया गांव में काली मंदिर में अधिकारियों को खंडित मूर्ति के टुकड़े मिले। मूर्ति का ऊपरी हिस्सा मंदिर परिसर से आधा किलोमीटर दूर सड़क पर पड़ा हुआ था। कुंडा ने कहा कि काली मंदिर औपनिवेशिक काल से ही हिंदुओं का पूजा स्थल रहा है। यह घटना बांग्लादेश में 10 दिवसीय वार्षिक दुर्गा पूजा उत्सव के समाप्त होने के 24 घंटे से कुछ अधिक समय बाद हुई। बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद के महासचिव चंदनाथ पोद्दार ने के मुताबिक घटना रात में झेनाइदाह के मंदिर में हुई।
पिछले साल के मुकाबले इस साल शांत रही दुर्गा पूजा
प्रख्यात ढाका विश्वविद्यालय में गणित के प्रोफेसर पोद्दार ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना कहा। इससे पहले पूरे देश में दस दिवसीय उत्सव में कोई व्यवधान पैदा नहीं हुआ था। झेनाइदाह पुलिस के सहायक अधीक्षक अमित कुमार बर्मन ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और संदिग्धों की तलाश की जा रही है। इस घटना को छोड़कर, इस साल पूरे बांग्लादेश में दुर्गा पूजा उत्सव शांतिपूर्वक मनाया गया। पिछले साल की तुलना में इस साल उत्सव काफी शांतिपूर्ण रहा। पिछले साल देश में दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा व झड़पों में कम से कम छह लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों घायल हो गए थे। बांग्लादेश की करीब 16 करोड़ 90 लाख की आबादी में लगभग 10 प्रतिशत हिंदू हैं।