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श्रीलंका की मुख्य तमिल पार्टी ने सत्ता हस्तांतरण का मुद्दा उठाया

Sonam
1 Aug 2023 5:08 AM GMT
श्रीलंका की मुख्य तमिल पार्टी ने सत्ता हस्तांतरण का मुद्दा उठाया
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श्रीलंका की मुख्य तमिल पार्टी तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) ने देश के संविधान में विवादास्पद 13वें संशोधन के पूर्ण कार्यान्वयन के तहत सत्ता के ‘व्यापक और सार्थक’ हस्तांतरण की मांग की है। श्रीलंका में अल्पसंख्यक तमिल समुदाय 13वें संशोधन को लागू करने की मांग कर रहा है, जिसमें उसे सत्ता के हस्तांतरण का प्रावधान है। यह 13वां संशोधन (13ए) 1987 के भारत-श्रीलंका समझौते के बाद लाया गया था। इसके जरिये उत्तरी और पूर्वी प्रांतों के अस्थायी विलय के साथ नौ प्रांतों का हस्तांतरित इकाइयों के रूप में गठन किया गया। टीएनए ने एक बयान में कहा, ‘‘हमारा रुख साफ है कि संघीय ढांचे में सत्ता की साझेदारी तमिल लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप होनी चाहिये, जिसे 1956 से हर चुनाव में व्यक्त किया जा रहा है।’

टीएनए ने सरकार से प्रांतीय परिषद् चुनाव कराने का आग्रह किया है। यह बयान पिछले सप्ताह राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे द्वारा स्थानीय तमिलों के साथ सुलह के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद आया है।विक्रमसिंघे ने सर्वदलीय बैठक में दलों से कहा था कि वह 13ए के पूर्ण कार्यान्वयन के पक्ष में हैं, जो सभी पार्टियों की संसदीय सहमति पर निर्भर करेगा। हालांकि, वार्ता में विपक्षी दल लंबित प्रांतीय परिषद चुनाव कराने पर अड़े रहे। चुनाव सुधारों के कदम के मद्देनजर 2018 से नौ प्रांतों के चुनाव लंबित हैं। अब मौजूदा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत चुनाव कराने के लिए संसदीय संशोधन की आवश्यकता है।

विक्रमसिंघे हस्तांतरण के मुद्दे पर बहुसंख्यक सिंहली समुदाय की पार्टियों के निशाने पर आ गए हैं। यह सब ऐसे समय में हो रहा है, जब श्रीलंका सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। सिंहली समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले दलों ने इसे राष्ट्रपति का एक राजनीतिक हथकंडा बताया है। उन्होंने कहा कि 2024 की आखिरी तिमाही में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले तमिलों को लुभाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।

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