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घायलों को केगले अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से चार की हालत गंभीर है।
श्रीलंकाई प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) ने बुधवार को कहा कि रामबुकाना (Rambukkana town) में हुए हिंसा की घटना से वे दुखी हैं। ट्विटर पर राजपक्षे ने प्रदर्शनकारियों से आग्रह किया कि वे एक समान आदर ओर सम्मान के साथ मौलिक अधिकार का पालन करें। श्रीलंका के दक्षिण पश्चिमी रामबुकाना क्षेत्र में ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद लगा कर्फ्यू आज भी जारी रहेगा। दरअसल पुलिस द्वारा निहत्थी भीड़ को तितर-बितर करने के लिए की गई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 20 सेे अधिक जख्मी हैं ।
घटना में 15 पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं। श्रीलंका अप्रत्याशित आर्थिक संकट से जूझ रहा है और लोग लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे प्रदर्शनों में पहली बार कल एक व्यक्ति की मौत हुई। मंगलवार दोपहर को घटी इस हिंसक घटना के तुरंत बाद श्रीलंका मानवाधिकार आयोग ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बना दी और आज बैठक भी बुलाई। उल्लेखनीय है कि भीषण आर्थिक संकट से गुजर रहे श्रीलंका में लोग सरकार के खिलाफ व्यापक धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों को दैनिक जरूरतों की पूर्ति के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने रामबुकाना में रेललाइन को बाधित कर दिया। जब उनसे रेललाइन से हटने को कहा गया, तो उन्होंने पत्थरबाजी शुरू कर दी। न्यूज फर्स्ट चैनल से बातचीत में पुलिस प्रवक्ता निहाल थालदुवा ने कहा, 'लोगों को क्षेत्र को खाली करने के लिए कहा गया, लेकिन वे तेल के टैंकर में आग लगाने का प्रयास करने लगे। उन्होंने आटो को भी नुकसान पहुंचाया।' उन्होंने कहा कि पुलिस ने पहले आंसू गैस का इस्तेमाल किया और स्थिति अनियंत्रित होने पर गोली चलाना पड़ी। घायलों को केगले अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से चार की हालत गंभीर है।
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