x
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कई मौकों पर श्रीलंका की मदद करने की चीन की इच्छा और तत्परता को दोहराया है।
कोलंबो: श्रीलंका के विपक्षी सांसद शनकियान रसामानिकम ने देश में चीन विरोधी प्रदर्शनों को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि देश में जारी आर्थिक संकट के चलते 'चीन वापस जाओ' की मुहिम शुरू हो सकती है। उनका कहना था कि जिस तरह से कुछ महीने पहले पूर्व राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ था, ठीक उसी तरह से एक बार फिर आंदोलन शुरू हो सकता है। रसामानिकम की मानें तो मुद्रा संकट के चलते जिस तरह से मुहिम शुरू हुई और पूर्व राष्ट्रपति को भागना पड़ा, उसी तरह से चीन के लिए भी परेशानियां बढ़ सकती हैं।
चीन से मदद पर बवाल
32 साल के रसामानिकम उन कुछ चुनिंदा श्रीलंकाई सांसदों में हैं जो आसानी से अंग्रेजी, तमिल और सिंहली भाषा में बात कर सकते हैं। शुक्रवार को उन्होंने सदन में कहा, 'मैं पिछले कुछ दिनों से संसद में देश के नागरिकों संप्रभुता का प्रदर्शन किया था। मैं श्रीलंका की की जनता की तरफ से बोल रहा हूं और न ही किसी दूसरे देश या दूतावास की तरफ से कुछ कह रहा हूं। लेकिन चीन के दूतावास की तरफ से मुझे बार-बार ट्विटर पर टैग किया जा रहा है और यह इस देश की संप्रभुता के लिए गंभीर चिंता का विषय है।' उनका यह बयान तब आया जब पिछले हफ्ते तमिल राष्ट्रीय गठबंधन की बट्टीकालोआ जिले की तरफ से श्रीलंका के ऋण पुनर्गठन प्रयासों में चीन से और ज्यादा मदद मांगी गई है।
IMF पैकेज पर नजरें
श्रींलका को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से राहत पैकेज मिलेगा या नहीं यह इस पर निर्भर करता है कि सरकार निजी उधारदाताओं और द्विपक्षीय लेनदारों सहित अपने लेनदारों से पर्याप्त वित्तपोषण आश्वासन प्राप्त करती है या नहीं। 20 खरब वाली डॉलर वाली श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर करीब 7.4 अरब डॉलर का चीनी कर्ज है। रासमानिकम ने कहा कि अगर चीन एक सच्चा मित्र था तो वह या तो इस कर्ज को माफ करने के लिए रजामंद होगा या कम से कम इसके पुनर्गठन में मदद करेगा।
चीन ने दिया ट्वीट का जवाब
उन्होंने इसके साथ ही कहा कि अगर चीनी सरकार और दूतावास हमारी नागरिकों के हितों की देखभाल नहीं करते हैं। इसके बाद उन्होंने कहा कि जल्द ही एक 'चाइना गो होम' होगा और मैं इसका नेतृत्व करूंगा। चीनी दूतावास ने की तरफ से रासामानिकम के ट्वीट की तरफ से जवाब दिया गया था। दूतावास ने लिखा था, 'माफ करें, मिस्टर सांसद, आपकी समझ गलत और अधूरी है। चीन COVID-19 से लड़ने और आजीविका राहत में श्रीलंका का 'सबसे बड़ा साथी था।' ट्वीट में कहा गया था कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कई मौकों पर श्रीलंका की मदद करने की चीन की इच्छा और तत्परता को दोहराया है।
TagsPublic relation latest newspublic relation newspublic relation news webdeskpublic relation latest newstoday's big newstoday's important newspublic relation Hindi newspublic relation big newscountry-world Newsstate-wise newsHindi newstoday's newsbig newspublic relationsnew newsdaily newsbreaking newsIndia newsseries of newscountry-foreign news
Neha Dani
Next Story