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श्रीलंका सरकार ने बताया राष्ट्रपति आवास के पास विरोध प्रदर्शन 'आतंकी कृत्य', कहा- विपक्षी दलों से जुड़े हैं तार

Neha Dani
1 April 2022 11:27 AM GMT
श्रीलंका सरकार ने बताया राष्ट्रपति आवास के पास विरोध प्रदर्शन आतंकी कृत्य,  कहा- विपक्षी दलों से जुड़े हैं तार
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आवश्यक सामानों की कमी हुई है और रसोई गैस और बिजली कटौती दिन में 13 घंटे तक हो रही है।

पड़ोसी देश श्रीलंका में राष्ट्रपति आवास के बाहर हुए हिंसक प्रदर्शन को वहां की सरकार ने 'आतंकवादी कार्य' करार दिया है। सरकार ने इस घटना के लिए विपक्षी दलों से जुड़े 'चरमपंथी तत्वों' को जिम्मेदार ठहराया है। बता दें कि सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने मौजूदा आर्थिक संकट को लेकर राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से उनकी विफलता के लिए इस्तीफे की मांग की और उनके आवास के पास हिंसक प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के हिंसक होने के कारण इसमें कई लोग घायल हो गए और वाहनों में आग लगा दी गई थी।

54 लोग हुए गिरफ्तार, पीटीए के तहत चल सकता है केस
बता दें कि राष्ट्रपति के आवास के पास लगे स्टील बैरिकेड को गिराने के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें कीं। घटना के बाद, कोलंबो शहर के अधिकांश हिस्सों में कुछ समय के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया था।
इस घटना में पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि एक पुलिस बस, एक जीप और दो मोटरसाइकिलों को जला दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाटर कैनन ट्रक को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इस बीच, पुलिस ने कहा कि हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है। विपक्षी दलों से जुड़े वकीलों ने दावा किया कि पुलिस गिरफ्तार किए गए लोगों पर आतंकवाद निरोधक अधिनियम (पीटीए) के तहत आरोप लगा सकती है।
विपक्षी दलों का है हाथ
डेली मिरर समाचार वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति के मीडिया प्रभाग द्वारा शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि मिरिहाना में राष्ट्रपति राजपक्षे के आवास के पास अशांति के पीछे एक चरमपंथी समूह था। इस बीच, पत्रकारों से बात करते हुए परिवहन मंत्री दिलुम अमुनुगामा ने कहा कि हिंसा "आतंकवादी कार्य" था। पर्यटन मंत्री प्रसन्ना रणतुंगा ने हिंसा के लिए विपक्षी दलों समागी जाना बालवेगया (एसजेबी) और जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) से जुड़े "चरमपंथी तत्वों" को जिम्मेदार ठहराया।
सबसे खराब आर्थिक संकट में श्रीलंका
श्रीलंका वर्तमान में इतिहास के सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। ईंधन, रसोई गैस के लिए लंबी लाइन, जरूरी सामान की भी कम आपूर्ति है। बता दें कि श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन जैसे आवश्यक सामानों की कमी हुई है और रसोई गैस और बिजली कटौती दिन में 13 घंटे तक हो रही है।

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