विश्व

चीन को भारत के खिलाफ श्रीलंका नहीं करने देगा जमीन का इस्तेमाल

Rani Sahu
29 Jun 2023 6:22 PM GMT
चीन को भारत के खिलाफ श्रीलंका नहीं करने देगा जमीन का इस्तेमाल
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कोलंबो। श्रीलंका ने साफ कर ‎दिया है ‎कि वह ‎किसी भी कीमत पर चीन को भारत के ‎खिलाफ अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं करने देगा। इस मामले में राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि श्रीलंका को भारत के खिलाफ किसी भी खतरे के लिए आधार के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि द्वीप राष्ट्र तटस्थ रहेगा और चीन के साथ उसका कोई सैन्य समझौता नहीं होगा। ब्रिटेन और फ्रांस की आधिकारिक यात्रा पर गए विक्रमसिंघे ने फ्रांस की सरकारी मीडिया के साथ एक साक्षात्कार के दौरान यह टिप्पणी की है। एक साक्षात्कार में विक्रमसिंघे ने कहा कि हम एक तटस्थ देश हैं, लेकिन हम इस तथ्य पर भी जोर देते हैं कि हम श्रीलंका को भारत के खिलाफ किसी भी खतरे के लिए आधार के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दे सकते। श्रीलंका में चीन की कथित सैन्य उपस्थिति के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि चीनी देश में लगभग 1500 वर्षों से हैं और अब तक कोई सैन्य अड्डा नहीं है।
विक्रमसिंघे ने इस बात पर जोर दिया कि द्वीप राष्ट्र का चीन के साथ कोई सैन्य समझौता नहीं है और न कभी होगा। मुझे नहीं लगता कि चीन इसमें शामिल होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि हंबनटोटा के दक्षिणी बंदरगाह के चीनियों द्वारा सैन्य उपयोग का कोई मुद्दा नहीं है, जिसे बीजिंग ने 2017 में ऋण अदला-बदली के रूप में 99 साल के पट्टे पर ले लिया था। पिछले साल श्रीलंका ने चीनी बैलेस्टिक मिसाइल एवं उपग्रह टोही जहाज युवआ वांग पांच को हंबनटोटा बंदरगाह पर ठहरने की अनुमति दी थी जिससे रणनीतिक हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी को लेकर भारत एवं अमेरिका में चिंता पैदा हो गई थी। भारत को इस बात की आशंका थी कि श्रीलंका बंदरगाह पर जाने के दौरान इस जहाज का टोही तंत्र भारतीय प्रतिष्ठानों की जासूसी करने का प्रयास कर सकता है।
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