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श्रीलंका: राष्‍ट्रपति कार्यालय के बाहर हंगामा, एक प्रदर्शनकारी की पुलिस की गोली से मौत

Gulabi Jagat
19 April 2022 5:22 PM GMT
श्रीलंका: राष्‍ट्रपति कार्यालय के बाहर हंगामा, एक प्रदर्शनकारी की पुलिस की गोली से मौत
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श्रीलंका न्यूज
कोलंबो (एएफपी)। श्रीलंका के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र रामबुकाना में पुलिस की गई गोलीबारी में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई, जबकि 12 अन्य घायल हो गए। लोग पेट्रोल की कीमत में हालिया वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे और उसी दौरान उनकी पुलिस से झड़प हो गई। पुलिस का कहना है कि उग्र प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए गोली चलानी पड़ी। झड़प में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। स्थिति को संभालने के लिए इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
श्रीलंका मानवाधिकार आयोग ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बना दी है और बुधवार को बैठक भी बुलाई है।पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने रामबुकाना में रेललाइन को बाधित कर दिया। जब उनसे रेललाइन से हटने को कहा गया, तो उन्होंने पत्थरबाजी शुरू कर दी। न्यूज फ‌र्स्ट चैनल से बातचीत में पुलिस प्रवक्ता निहाल थालदुवा ने कहा, 'लोगों को क्षेत्र को खाली करने के लिए कहा गया, लेकिन वे तेल के टैंकर में आग लगाने का प्रयास करने लगे। उन्होंने आटो को भी नुकसान पहुंचाया।'
उन्होंने कहा कि पुलिस ने पहले आंसू गैस का इस्तेमाल किया और स्थिति अनियंत्रित होने पर गोली चलाना पड़ी। घायलों को केगले अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से चार की हालत गंभीर है। उल्लेखनीय है कि भीषण आर्थिक संकट से गुजर रहे श्रीलंका में लोग सरकार के खिलाफ व्यापक धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों को दैनिक जरूरतों की पूर्ति के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
गौरतलब है कि देश के कई जानकार यहां की आर्थिक बदहाली की वजह चीन को बता रहे हैं। वहीं श्रीलंकाई क्रिकेट से जुड़ी हस्तियों का कहना है कि इस मुश्किल घड़ी में यदि देश के काम कोई आया है तो वो भारत ही है। भारत ने करीब ढाई अरब रुपये की वित्‍तीय मदद श्रीलंका को दी है। इसके अलावा खाद्य सामग्री के अलावा भी कई चीजों को सहायता के तौर पर श्रीलंका को भेजा है।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही श्रीलंका के भू-राजनीतिक विश्‍लेषक असंगा अबेयागोनेस्‍करा ने कहा था कि ऐसा पहली बार सुनने को मिल रहा है कि किसी देश ने अपने ही कर्ज के भुगतान के लिए दोबारा कर्ज दिया है। हालांकि कोई नहीं जानता है कि ये कर्ज किस ब्‍याज दर पर दिया गया है और इसकी क्‍या शर्त हैं। उन्‍होंने एक इंटरव्‍यू में ये भी माना था कि सिर्फ चीन की इस आर्थिक संकट की अकेली और बड़ी वजह नहीं है।
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