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श्रीलंका कर रहा सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना, भरता ने भेजा 15000 लीटर केरोसिन

Neha Dani
31 May 2022 4:44 AM GMT
श्रीलंका कर रहा सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना, भरता ने भेजा 15000 लीटर केरोसिन
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नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की 'पड़ोसी पहले' नीति की गवाही देते हैं, जो लोगों से लोगों के जुड़ाव को अपने मूल में रखता है।

देश में जारी आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका भारत के साथ ईंधन आयात के लिए 500 मिलियन अमेरिकी डालर की एक और क्रेडिट लाइन के लिए बातचीत कर रहा है। डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, इस मुद्दे पर तब चर्चा हुई, जब भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोडा (Milinda Moragoda) ने पिछले हफ्ते भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Indian Finance Minister Nirmala Sitharaman) से मुलाकात की। डेली मिरर की रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रेडिट लाइन पहले से बढ़ाए गए 500 मिलियन अमेरिकी डालर के अलावा है।

श्रीलंका कर रहा सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना
बता दें, 1948 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। मंदी की वजह COVID-19 महामारी के दौरान पर्यटन पर रोक के कारण विदेशी मुद्रा की कमी को बताया जाता है, जिसने देश को पर्याप्त ईंधन खरीदने में असमर्थ बना दिया। लोगों को भोजन और बुनियादी आवश्यकताओं, ईंधन और गैस की भारी कमी का सामना करना पड़ा।
200 मिलियन डालर में ईंधन खरीदेगा श्रीलंका
श्रीलंकाई दैनिक के अनुसार, भारत ने आवश्यक आयात के लिए एक और USD 1 बिलियन लाइन आफ क्रेडिट की पेशकश की। हालांकि, इसमें से 200 मिलियन अमरीकी डालर का उपयोग ईंधन आयात के लिए किया गया है। डेली मिरर के मुताबिक कि द्वीप राष्ट्र ने डीजल और पेट्रोल के लिए अब तक लगभग 700 मिलियन अमेरिकी भारतीय ऋण को समाप्त कर दिया है।
श्रीलंका के पीएम ने की भारत की प्रशंसा
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को जारी आर्थिक संकट के बीच समर्थन देने के लिए भारत की प्रशंसा की और दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की। श्रीलंका के पीएम ने ट्वीट किया, 'मैंने इस कठिन दौर में भारत द्वारा दिए गए समर्थन के लिए अपने देश की ओर से सराहना की। मैं दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने की आशा करता हूं।' विक्रमसिंघे के द्वारा भारत की सराहना उसी दिन हुई जब उसके पड़ोसी ने एसएलआर 260 मिलियन के करीब मूल्य की 25 टन दवाएं और अन्य चिकित्सा आपूर्ति दान की। देश के विभिन्न हिस्सों में फैले विभिन्न संगठनों और अस्पतालों के अनुरोध पर चिकित्सा खेप दान की गई थी।
भारतीय उच्चायोग ने कहा कि ये मानवीय आपूर्ति श्रीलंका के लोगों को वित्तीय सहायता, विदेशी मुद्रा सहायता, सामग्री आपूर्ति आदि जैसे कई रूपों में भारत सरकार के चल रहे समर्थन की निरंतरता में है। उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि यह प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की 'पड़ोसी पहले' नीति की गवाही देते हैं, जो लोगों से लोगों के जुड़ाव को अपने मूल में रखता है।

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