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श्रीलंका पर है 51 अरब डालर का विदेशी कर्ज, आइएमएफ से है सरकार को उम्मीद
Rounak Dey
5 July 2022 11:27 AM GMT
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श्रीलंका बांग्लादेश का भी कर्ज अदा करने में सक्षम नहींं है जिसके बाद बांग्लादेश ने इसकी समय सीमा को बढ़ाने का फैसला लिया था।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि आर्थिक संकट से उबरने के लिए बेलआउट पैकेज को लेकर आइएमएफ के साथ श्रीलंका एक दिवालिया देश के रूप में बातचीत कर रहा है। उन्होंने संसद में मंगलवार को आर्थिक सुधार योजना पर बोलते हुए जानकारी दी कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के साथ पहले दौर की बातचीत सफल रही है। पीएम विक्रमसिंघे ने संसद में कहा कि देश ने पहले भी विभिन्न अवसरों पर आइएमएफ से बातचीत की है। लेकिन इस समय की परिस्थिति पहले से भिन्न है। हम एक दिवालिया देश के रूप में उसके साथ बातचीत आगे बढ़ा रहे हैं।
बता दें कि चीन के कर्ज की वजह से और देश की पूर्व सरकार की वजह से श्रीलंका के आर्थिक हालात बद से बदतर हुए हैं। चीन का कर्ज चुकाना तो दूर की बात है श्रीलंका इस कर्ज का ब्याज तक चुका पाने में असमर्थ है। इतना ही नहीं चीन ने श्रीलंका को इस कर्ज को उतारने के लिए दोबारा कर्ज दिया है जिसकी शर्तों के बारे में कुछ भी सामने नहीं आ सका है। आलम ये है कि देश में तेल और गैस की भारी किल्लत है और सभी जरूरी चीजें लगातार खत्म होती जा रही हैं। पड़ोसी देश होने के नाते भारत ने श्रीलंका को वित्तीय मदद के अलावा दूसरी जरूरी चीजों की मदद भेजी थी।
गौरतलब है कि श्रीलंका पर इस समय तक कुल 51 अरब डालर का विदेशी कर्ज हो चुका है। वह इस साल अप्रैल में सात अरब डालर के कर्ज के भुगतान में असमर्थता जता चुका है।आइएएनएस एजेंसी के अनुसार, श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते वैश्विक संकट के बीच भारत की भी कर्ज देने की एक सीमा है। श्रीलंका बांग्लादेश का भी कर्ज अदा करने में सक्षम नहींं है जिसके बाद बांग्लादेश ने इसकी समय सीमा को बढ़ाने का फैसला लिया था।
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