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जितना जल्दी ऐसा हो, उतना ही अच्छा है। जून में श्रीलंका की मुद्रास्फीति 55 प्रतिशत के करीब पहुंच चुकी है।
श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर शनिवार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होने की आशंका है। विरोध प्रदर्शन पर लगाम लगाने के लिए श्रीलंका की पुलिस ने पश्चिमी प्रांत में कई पुलिस डिवीजनों में शुक्रवार को स्थानीय समयानुसार रात 9 बजे से अगले दिन तक कर्फ्यू लगा दिया है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि नेगोंबो, केलानिया, नुगेगोडा, माउंट लाविनिया, कोलंबो नार्थ, कोलंबो साउथ और कोलंबो सेंट्रल पुलिस डिवीजनों में कर्फ्यू लगाया गया। पुलिस ने कहा कि कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ईंधन लेने के लिए श्रीलंका की जनता को करना पड़ रहा है जद्दोजहद
द कोलंबो पेज के मुताबिक, कर्फ्यू लागू किए गए क्षेत्रों में यात्रा करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है और पुलिस ने लोगों को अन्य वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी है। बता दें कि बिगड़ती आर्थिक स्थिति ने पिछले हफ्तों में तनाव बढ़ा दिया है। ईंधन स्टेशनों पर लोगों और पुलिस बल के सदस्यों और सशस्त्र बलों के बीच कई टकरावों की रिपोर्ट सामने आई है। ईंधन लेने के लिए श्रीलंका की जनता को कई-कई घंटे या फिर कभी-कभी कुछ दिनों तक कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है। हिंसा पर काबू पाने के लिए पुलिस ने कई बार अनावश्यक और अनुपातहीन तरीके से आंसू गैस और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया है। वहीं, कई मौकों पर सशस्त्र बलों ने गोला बारूद भी दागे गए हैं।
उल्लेखनीय है कि 1948 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। तेल आपूर्ति की कमी ने स्कूलों और सरकारी कार्यालयों को अगली सूचना तक बंद करने के लिए मजबूर कर दिया है। आर्थिक संकट ने अनगिनत परिवारों को भूख और गरीबी में धकेल दिया है।
श्रीलंका के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में की बढ़ोतरी
वहीं, समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, श्रीलंका के केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए महत्वपूर्ण ब्याज दरों को बढ़ाकर 14.50 प्रतिशत और 15.50 प्रतिशत कर दिया है।केंद्रीय बैंक के गवर्नर नंदलाल वीरासिंघे ने कहा कि वाणिज्य बैंकों से ली जाने वाली स्थायी जमा सुविधा दर और स्थायी ऋण सुविधा दर को एक-एक प्रतिशत बढ़ाकर क्रमश: 14.50 और 15.50 प्रतिशत कर दिया गया है।जरूरी वस्तुओं की कीमतों में आए हालिया उछाल से श्रीलंका के गरीबों और वंचितों की समस्याएं काफी बढ़ गई हैं।
उन्हें खाने-पीने के सामान, ईंधन, रसोई गैस और दवाइयों जैसी जरूरी चीजों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।वीरासिंघ ने मुद्रास्फीति के 70 प्रतिशत तक पहुंच जाने की आशंका जताते हुए कहा कि हमारी प्राथमिकता मुद्रास्फीति को जल्द से जल्द एक वाजिब स्तर तक लाने की है। जितना जल्दी ऐसा हो, उतना ही अच्छा है। जून में श्रीलंका की मुद्रास्फीति 55 प्रतिशत के करीब पहुंच चुकी है।
Neha Dani
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