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जल उठा श्रीलंका, हिंसा करने वालों को देखते ही गोली मारने का आदेश

jantaserishta.com
11 May 2022 2:39 AM GMT
जल उठा श्रीलंका, हिंसा करने वालों को देखते ही गोली मारने का आदेश
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Sri Lanka Crisis: पड़ोसी देश श्रीलंका 3 दिन से गुस्से की आग में जल रहा है. यहां 32 दिन से प्रदर्शनकारी सड़कों पर डेरा जमाए हैं. देश के अंदर आर्थिक मंदी की मार ने लोगों के भीतर उबाल ला दिया है. भीड़ इस सबके पीछे राजपक्षे परिवार (महिंदा और उनके भाई, राष्ट्रपति गोटबाया) को दोषी ठहरा रही है. मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक, अब तो महिंदा राजपक्षे की तलाश में श्रीलंका में नाकेबंदी की जाने लगी है. मंगलवार शाम से भीड़ महिंदा राजपक्षे को तलाश रही है.

श्रीलंका में 9 मई से हिंसा और आगजनी तेज हुई है. अब तक 8 लोगों की जान गई है और कोलंबो समेत अन्य जगहों पर 250 लोग जख्मी बताए जा रहे हैं. सत्ताधारी पार्टी के एक सांसद को भी जान गंवानी पड़ी. भीड़ चुन-चुनकर सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के ठिकानों पर तोड़फोड़ और आगजनी कर नुकसान पहुंचा रही है. इतना ही नहीं, सोमवार को भीड़ ने राजपक्षे परिवार का पैतृक घर तक फूंक डाला.
यह हालात तब बने, जब महिंदा राजपक्षे ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है और उनके समर्थकों ने प्रदर्शनकारियों पर हमला कर दिया. फिलहाल, हिंसा को देखते हुए देशभर में फिर से कर्फ्यू लगा दिया है. राजधानी कोलंबो में सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा सेना को सौंपा गया है.
मंगलवार को श्रीलंका के त्रिंकोमाली नेवल बेस (Trincomalee Naval Base) के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. यहां लोगों को सूचना मिली थी कि पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार के सदस्य कोलंबो में सरकारी आवास छोड़कर यहां छिप गए हैं. त्रिंकोमाली श्रीलंका के उत्तर-पूर्वी तट पर स्थित एक बंदरगाह शहर है. इससे पहले कोलंबो में हजारों गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने रातभर महिंदा के सरकारी आवास पर धावा बोल दिया.
खबर है कि मंगलवार तड़के एक सैन्य ऑपरेशन में राजपक्षे परिवार को सुरक्षित निकाल लिया गया. उनके बेटे की तरफ से कहा गया है कि हम लोग देश छोड़कर नहीं भागेंगे. सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे परिवार के करीबियों को देश से भागने से रोकने के लिए कोलंबो में बंदरानाइक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की तरफ जाने वाली सड़क पर एक चौकी भी बनाई है. यहां हर किसी की निगरानी की जा रही है.
इधर, श्रीलंका में सोशल मीडिया पर खबर चलीं कि पूर्व पीएम महिंदा राजपक्षे और उनका परिवार भारत गया है. इस खबरों का भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को खंडन किया और एक बयान जारी किया है. उच्चायोग ने कहा कि कुछ खबरें चल रही हैं कि कुछ राजनीतिक व्यक्ति और उनके परिवार भारत भाग गए हैं., ये सारी बातें फर्जी और स्पष्ट रूप से झूठी रिपोर्ट हैं, इनमें कोई सच्चाई नहीं है. उच्चायोग इसका खंडन करता है.
इससे पहले, श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने सेना को दंगा फैलाने वालों को गोली चलाने का आदेश दिया है. यह आदेश तब आया, जब राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने लोगों से 'हिंसा और बदले की कार्रवाई' को रोकने का आग्रह किया है. इसके साथ ही राष्ट्र के सामने आने वाले राजनीतिक और आर्थिक संकट को दूर करने की शपथ ली है.
श्रीलंका के रक्षा महासचिव (सेवानिवृत्त) कमल गुणरत्ने ने मंगलवार को प्रदर्शनकारियों से शांत रहने और हिंसा नहीं करने का आग्रह किया है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यही रवैया रहा तो रक्षा मंत्रालय कानून का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटने के लिए मजबूर होगा. श्रीलंका में 9 अप्रैल से अब तक हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर चुके हैं.
रक्षा सचिव ने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध की आड़ में अपराध किया जा रहा है. यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. रक्षा सचिव की ये चेतावनी तब आई, जब ये खबरें चल रही थीं कि पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनका परिवार कथित तौर पर त्रिंकोमाली नेवल बेस के पास शरण लेकर छिपे हैं. यहां सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी डटे हुए थे. गुणरत्ने ने धर्मगुरुओं से युवाओं को शांतिपूर्ण विरोध की सलाह देने की भी अपील की.
बताते चलें कि महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर सोमवार को हमला कर दिया गया था. जिसके हिंसा भड़क गई. इसमें मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है. हालांकि, महिंदा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया है, लेकिन शांति का माहौल नहीं बन पा रहा है. सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी महिंदा के छोटे भाई और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की भी मांग कर रहे हैं.
बता दें कि 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. देश में विदेशी मुद्रा की कमी की वजह से आर्थिक हालात बिगड़ गए हैं. खाद्य पदार्थों और फ्यूल के आयात के लिए श्रीलंका सरकार के पास पैसे नहीं हैं.


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