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स्पुतनिक लाइट
कोरोना संक्रमण से मुकाबले के लिए भारत अपनी वैक्सीनेशन क्षमता को बढ़ाने के प्रयास में लगा हुआ है। देश में आपातकालीन इस्तेमाल को लेकर अब तक कुल छह वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है। टीकाकरण की क्षमता को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास में लगे भारत की स्थिति अगले महीने यानी सितंबर से और मजबूत होने जा रही है। रिपोर्टस के मुताबिक भारत में उत्पादित 'स्पुतनिक लाइट' वैक्सीन देश में अगले महीने लांच की जा सकती है। सूत्रों से मिल रही जानकारियों के मुताबिक पनेसिया बायोटेक ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (डीसीजीआई) से वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के मंजूरी की मांग की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्पुतनिक लाइट शुरुआत में सीमित मात्रा में उपलब्ध होगी, इसकी कीमत 750 रुपए के आसपास रहने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि अब तक देश में दो डोज वाली स्पुतनिक वी वैक्सीन को प्रयोग में लाया जा रहा है, जबकि स्पुतनिक लाइट सिंगल शॉट वाली वैक्सीन है। कई अध्ययनों में वैज्ञानिक इस वैक्सीन के काफी असरदार होने का दावा भी कर रहे हैं। आइए आगे की स्लाइडों में जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर देश में पहली से प्रयोग में लाई जा रही स्पुतनिक-वी वैक्सीन से स्पुतनिक लाइट वैक्सीन किस तरह से अलग है? दोनों वैक्सीनों की प्रभाविकता कितनी है?
भारत को मिल चुकी है स्पुतनिक लाइट के उत्पादन की मंजूरी
6 मई, 2021 को पहली बार रशियन फेडरेशन स्वास्थ्य मंत्रालय, नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबॉयोलॉजी और रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने सिंगल शॉट वाली स्पुतनिक लाइट वैक्सीन की घोषणा की थी। जुलाई में पैनेसिया बायोटेक को स्पुतनिक लाइट का लाइसेंस मिल चुका है। हिमाचल प्रदेश के बद्दी शहर में इसका उत्पादन किया जा रहा है। आरडीआईएफ का दावा है कि स्पुतनिक लाइट कोरोनावायरस के सभी नए वैरिएंट्स के खिलाफ प्रभावी साबित हुई है, साथ ही यह मानक वैक्सीन भंडारण जैसे मापदंडों पर भी खरी उतरती है।
स्पूतनिक-वी बनाम स्पूतनिक लाइट
स्पुतनिक-वी, दो शॉट्स वाली वैक्सीन है जिसमें दो अलग-अलग वैक्टर का उपयोग किया जाता है। मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार कोरोना के खिलाफ इसकी प्रभावकारिता 91.6 फीसदी के करीब पाई गई है। वहीं स्पुतनिक लाइट, स्पुतनिक-वी वैक्सीन का पहला घटक है। ब्यूनस आयर्स प्रांत (अर्जेंटीना) के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार इस वैक्सीन की प्रभाविकता 78.6 से 83.7 फीसदी के बीच की पाई गई थी।
स्पुतनिक लाइट क्यों है खास?
लोगों के मन में सवाल है कि पहले से प्रयोग में लाई जा रही स्पुतनिक-वी वैक्सीन के बाद स्पुतनिक लाइट की क्या आवश्यकता हो सकती है? इस संबंध में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन के लाइट संस्करण का प्राथमिक लाभ यह है कि कोविड-19 के तेज प्रकोपों के बीच किसी देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार को तेज करने में यह सिंगल शॉट वाली वैक्सीन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। आरडीआईएफ के प्रमुख किरिल दिमित्रीव के अनुसार, स्पुतनिक लाइट कम समय सीमा में लोगों के बड़े समूहों को प्रतिरक्षित करने की चुनौती को हल करने का हथियार साबित हो सकती है। औसतन 79.4 फीसदी प्रभाविकता के साथ यह वैक्सीन बेहद ही कम कीमत 10 डॉलर प्रति डोज (करीब 743 रुपए) में उपलब्ध होगी।
स्पुतनिक लाइट के साइड-इफेक्ट्स?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड की अन्य वैक्सीनों की तरह ही स्पुतनिक लाइट के शॉट लेने वालों को भी हल्के साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं। अब तक के अध्ययनों में इंजेक्शन वाले हिस्से में हल्का दर्द, बुखार, सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों जैसे साइड-इफेक्टस लोगों में देखने को मिले हैं। अब तक की रिपोर्ट में वैक्सीन ले चुके लोगों में दुर्लभ रक्त के थक्के बनने जैसे मामले या कोई अन्य गंभीर दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिले हैं।
स्रोत और संदर्भ:
Sputnik Light COVID-19 vaccine: What we know
Russia authorises single-dose Sputnik Light COVID vaccine for use -RDIF
अस्वीकरण नोट: यह लेख तमाम मेडिकल वेबसाइट्स और अध्ययनों से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। लेख में शामिल सूचना व तथ्य आपकी जागरूकता और जानकारी बढ़ाने के लिए साझा किए गए हैं। ज्यादा जानकारी के लिए आप अपने चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं।
Gulabi
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