रूस अब सेना और सुरक्षा एजेंसियों में काम करने वाले कुत्तों के लिए पैराशूट विकसित कर रहा है. इस पैराशूट के जरिए परीक्षण किया जा रहा है कि क्या कुत्ते पैराशूट के साथ विमान से उन क्षेत्रों में उड़ सकते हैं जहां हेलीकॉप्टर या विमानों का उतरना संभव नहीं है. सोशल मीडिया पर पहले टेस्ट लैंडिंग की तस्वीरें वायरल हो रही हैं. रोस्टेक स्टेट कॉरपोरेशन के एक सहयोगी कंपनी टेक्नोडिनामिका ने इस पैराशूट को विकसित किया है.
इस पैराशूट के जरिए सेना या अन्य एजेंसियों में काम कर रहे कुत्तों को सैनिकों की तरह ऐसे इलाकों में उतारने की कोशिश की जा रही है जहां विमान या हेलीकॉप्टर को उतारने का कोई विकल्प नहीं होता है. इस परियोजना को लेकर टेक्नोडिनामिका ने मंगलवार को कहा कि वह इस नए विकसित डिवाइस के परीक्षण के अंतिम चरण में है. सरकारी मीडिया पर प्रसारित फुटेज में एक जर्मन शेफर्ड को 13,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ते हुए एक विमान से गोता लगाते हुए दिखाया गया है.
कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ''चार-पैर वाला यह जानवर अक्सर सैन्य और बचाव कार्यों में शामिल होता है, लेकिन कभी-कभी गंतव्य या घटना स्थल तक पैदल पहुंचने में काफी अधिक समय लग जाता है या फिर उस जगह हेलीकॉप्टर या विमान से उतरना असंभव होता है." टेक्नोडिनामिका द्वारा विकसित पैराशूट हार्नेस को सिंगल और टेंडेम जंप दोनों के लिए डिज़ाइन किया गया है. द मॉस्को टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, लैंडिंग के बाद परीक्षण का परिणाम सकारात्मक रहा है.
टेस्ट पैराशूटिस्ट आंद्रेई तोरोपकोव ने कहा कि शुरू में प्लेन का दरवाजा खोलने पर कुत्तों को थोड़ा तनाव होता है, लेकिन वे अंततः शांत हो जाते हैं. "जब दरवाजा खुलता है और हवा और शोर होता है तो जानवर तनाव में आ जाते हैं, लेकिन कुत्ते के हैंडलर की बदौलत वे शांत हो जाते हैं. हैंडलर के बिना यह कठिन काम है. इसके निर्माताओं ने कहा कि वे डॉग पैराशूट जंप के लिए अधिकतम ऊंचाई को दोगुना कर 8,000 मीटर करने पर काम कर रहे हैं. परीक्षण 2021 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है.