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स्पेन: अखंडता के लिए नई चुनौती हुई पैदा...कैटेलोनिया में आजादी समर्थक पार्टियां जीतीं

Deepa Sahu
15 Feb 2021 3:27 PM GMT
स्पेन: अखंडता के लिए नई चुनौती हुई पैदा...कैटेलोनिया में आजादी समर्थक पार्टियां जीतीं
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स्पेन की अखंडता के लिए नई चुनौती पैदा हो गई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: स्पेन की अखंडता के लिए नई चुनौती पैदा हो गई है। स्पेन के कैटेलोनिया प्रांत में हुए चुनाव में आजादी की समर्थक पार्टियों की सीटों में खासा इजाफा हुआ है। कोरोना महामारी के बीच हुए इस प्रांतीय चुनाव में सिर्फ 53 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले। चुनाव अभियान के दौरान कोरोना महामारी के साथ-साथ आजादी का मुद्दा छाया रहा था। इस चुनाव में धुर दक्षिणपंथी वॉक्स पार्टी को पहली बार इस प्रांत में सीट मिली। इसे मध्यमार्गी पार्टियों के लिए एक बड़ी चुनौती माना जा रहा है।

कैटेलान प्रांत में यह पहली बार हुआ, जब आजादी समर्थक पार्टियों ने आधे से ज्यादा वोट हासिल कर लिए। उन्हें 51 फीसदी वोट मिले हैं। 2017 में हुए चुनाव में इन पार्टियों को लगभग 47.5 फीसदी वोट मिले थे। ताजा नतीजे के आधार पर 135 सदस्यीय प्रांतीय संसद में इन पार्टियों को 74 सीटें मिली हैं। यह चार साल पहले के चुनाव की तुलना में यह चार ज्यादा हैं। चार साल पहले कैटेलान प्रांत ने आजादी का एलान कर दिया था। उसके बाद सरकारी कार्रवाई में यहां काफी हिंसा हुई थी।

वैसे अकली सबसे बड़ी पार्टी के रूप में कैटेलान सोशिलस्ट पार्टी सामने आई है। उसे 23 फीसदी वोट और 33 सीटें मिली हैं। ये पार्टी स्पेन की एकता की समर्थक है। आजादी समर्थक पार्टियों में कैटेलान रिपब्लिकन लेफ्ट को भी 33 सीटें मिली हैं, लेकिन उसे वोट 21.3 फीसदी ही मिले। आजादी समर्थक मध्यमार्गी पार्टी टूगेदर फॉर कैटेलोनिया को 20 फीसदी वोट और 32 सीटें हासिल हुई हैं। धुर दक्षिणपंथी वॉक्स पार्टी को 11 सीटें मिली हैं। इस मामले में उसने कंजरवेटिव पार्टियों- पीपुल्स पार्टी और सिटिजंस पार्टी को पीछे छोड़ दिया। सिटिजंस पार्टी को 2017 में 36 सीटें मिली थीं। इस तरह वह अकेली सबसे बड़ी पार्टी रही थी। इस बार उसे सिर्फ छह सीटें मिलीं। दशकों तक स्पेन में दक्षिणपंथ की सबसे बड़ी पार्टी रही पीपुल्स पार्टी को इस बार सिर्फ तीन सीटों से संतोष करना पड़ा।

ये चुनाव इसलिए कराना पड़ा, क्योंकि पिछले सितंबर में कैटेलोनिया के राष्ट्रपति क्विम तोरा को उनके पद पर बने रहने से प्रतिबंधित कर दिया गया। उन पर आरोप था कि उन्होंने कैटेलोनिया की आजादी के प्रतीक चिह्न को सरकारी इमारतों पर लगवाया है। तोरा अलगाववादी नेता रहे हैं। लेकिन अब अलगाववादियों को पहले से भी ज्यादा समर्थन मिल गया है। इससे स्पेन की एकता के लिए नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं।
तोरा ने चुनाव नतीजों पर खुशी जताते हुए इसे आजादी के पक्ष में मजबूत जनादेश बताया है। टूगेदर फॉर कैटेलोनिया की नेता लॉरा बोरास ने कहा कि चूंकि पहली बार स्वतंत्रता समर्थक पार्टियों को 50 फीसदी से ज्यादा वोट मिले हैं, इसलिए इसका परिणाम सरकार और संसद दोनों के लिए सामने आएगा
उधर स्पेन की एकता समर्थक सोशलिस्ट पार्टी ने कहा है कि यह अध्याय बदलने का समय है। उसके इस बयान को इस बात का संकेत माना गया है कि सोशलिस्ट पार्टी एकता समर्थक दूसरे दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश करेगी। स्पेन में इस समय सोशलिस्ट पार्टी ही सत्ता में है। चुनाव नतीजे आने के बाद स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने कहा- जीत समाजवाद की हुई है। यह परिवर्तन लाने और एकता कायम करने के लिहाज से बेहतरीन खबर है।
विश्लेषकों का कहना है कि आजादी समर्थक पार्टियों की सबसे बड़ी कमजोरी उनके बीच मौजूद मतभेद हैं। उनमें पिछले दो साल में हुए विभाजनों ने कैटेलोनिया की आजादी की मांग की धार कम कर दी है। इन पार्टियों में मुख्य मतभेद आजादी पाने के तरीकों को लेकर है। इस मामले में कैटेलान लेफ्ट पार्टी का रुख उदारवादी है। वह बातचीत से स्वतंत्रता प्राप्त करने की समर्थक है। जबकि टूगेदर फॉर कैटेलोनिया टकराववादी तरीकों में यकीन करती है।

हालांकि ताजा चुनावों में अलगाववादी पार्टियों को भारी समर्थन मिला है, लेकिन हाल के एक सर्वे में जाहिर हुआ था कि कैटेलोनिया के 47.7 फीसदी लोग आजादी के खिलाफ हैं, जबकि 44.5 फीसदी लोग इस मांग का समर्थन करते हैं। इसलिए ताजा चुनाव नतीजों के बावजूद कैटेलोनिया तुरंत आजाद हो जाएगा, इसकी संभावना कम है। जानकारों का कहना है कि मैड्रिड स्थित केंद्र सरकार ऐसी किसी कोशिश के प्रति उसी तरह के दमन का रुख अख्तियार कर सकती है, जैसा चार साल पहले देखने को मिला था।


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