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दक्षिण कोरिया की सेना का दावा, उत्तर कोरिया ने हवा में लॉन्च किया 'हथियार', लेकिन हाथ लगी असफलता

Renuka Sahu
16 March 2022 4:00 AM GMT
दक्षिण कोरिया की सेना का दावा, उत्तर कोरिया ने हवा में लॉन्च किया हथियार, लेकिन हाथ लगी असफलता
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फाइल फोटो 

दक्षिण कोरिया की सेना ने बताया कि उत्तर कोरिया ने बुधवार को एक बार फिर हथियारों को लॉन्च किया, लेकिन वह विफल रहा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दक्षिण कोरिया की सेना (South Korea Army) ने बताया कि उत्तर कोरिया ने बुधवार को एक बार फिर हथियारों को लॉन्च किया, लेकिन वह विफल रहा. उत्तर कोरिया (North Korea) द्वारा यह लॉन्च ऐसे समय में किया गया है, जब इस बात की आशंका तेज हो गई है कि उसने सबसे लंबी दूरी की मिसाइल (Missile Launch) को टेस्ट किया है. अभी तत्काल यह स्पष्ट नहीं है कि उत्तर कोरिया ने बुधवार सुबह क्या लॉन्च किया था और वह इसके किस चरण पर विफल हुआ.

इस साल उत्तर कोरिया द्वारा किया गया यह 10वां लॉन्च है, जिससे स्पष्ट हो गया है कि उत्तर कोरिया अपने शस्त्रागार को आधुनिक बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है और ठप पड़ी परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता के बीच अपने प्रतिद्वंद्वियों पर रियायतें देने के लिए इसके जरिए दबाव डालना चाहता है. दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने एक बयान में बताया कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका के खुफिया अधिकारी प्योंगयांग क्षेत्र से सुबह करीब साढ़े नौ बजे किए गए उस लॉन्च के विवरण का विश्लेषण कर रहे थे, जो स्पष्ट रूप से विफल रहा.
उत्तर कोरिया क्या चाहता है?
विशेषज्ञों का कहना है कि पिछली विफलताओं के बावजूद उत्तर कोरिया व्यवहार्य परमाणु शस्त्रागार प्राप्त करने के अपने लक्ष्य के करीब बढ़ रहा है, जो अमेरिकी सरजमीं के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है. महज चार दिन पहले ही अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों को और सख्त कर दिया है. अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को और प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी.
रूसी संस्थानों पर मदद का आरोप
अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने चार मार्च को किए गए बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण को रेखांकित करते हुए तीन रूसी संस्थानों को इसमें मदद करने के आरोप में प्रतिबंधित करने की घोषणा की. ये कंपनियां हैं- एपोलॉन, जील-एम और आरके ब्रिज. इन कंपनियों से जुड़े दो लोगों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. इन प्रतिबंधों के चलते ये कंपनिया अमेरिका में अपनी संपत्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगी वहीं, एपोलॉन के निदेशक एलेक्सजेंडर एंड्रीविच गेयेनोव और जील-एम के निदेशक एलेक्सजेंडर एलेक्संद्रोविच चासोवनिकोव को भी इन पाबंदियों के दायरे में लाया गया है.
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