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दक्षिण कोरिया के प्रतिस्पर्धा आयोग ने मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में अपने दबदबे का दुरुपयोग करने को लेकर गूगल पर 1,305 करोड़ रुपये (207.4 अरब वॉन) का जुर्माना लगाया है।
दक्षिण कोरिया के प्रतिस्पर्धा आयोग ने मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में अपने दबदबे का दुरुपयोग करने को लेकर गूगल पर 1,305 करोड़ रुपये (207.4 अरब वॉन) का जुर्माना लगाया है। देश में यह अब तक का सबसे बड़ा एंटीट्रस्ट दंड माना जा रहा है।
इस जुर्माने का एलान ऐसे समय हुआ है, जब दक्षिण कोरिया संशोधित दूरसंचार कानून लागू कर रहा है। इसके तहत गूगल और एपल जैसे एप बाजार ऑपरेटर उनके इन-एप परचेजिंग सिस्टम से भुगतान करने को लेकर स्मार्टफोन यूजर्स से जबरदस्ती नहीं कर पाएंगे। हालांकि, बताया जा रहा है कि गूगल इस जुर्माने के खिलाफ अपील करेगा।
10 साल से प्रतिस्पर्धा के लिए रोड़ा बनी गूगल
दक्षिण कोरियाई निष्पक्ष कारोबार आयोग की अध्यक्ष जोह सुंग-वूक का कहना है, गूगल अपने इलेक्ट्रॉनिक साझेदारों पर एंटी-फ्रैग्मेंटेशन समझौतों पर दस्तखत की बाध्यता डालकर 2011 से बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए बाधा बना हुआ था। इसने कंपनियों को स्मार्टफोन या स्मार्टवॉच में गूगल के संशोधित ऑपरेटिंग सिस्टम डालने से रोक दिया। इसके चलते गूगल का मोबाइल सॉफ्टवेयर और एप बाजार में आसानी से दबदबा बन गया।
जोह के मुताबिक, सैमसंग और एलजी जैसे निर्माताओं को एप स्टोर लाइसेंसिंग या कंप्यूटर कोड तक तीव्र पहुंच के लिए गूगल के साथ समझौता करते वक्त उसकी शर्तों से सहमत होना पड़ा। ताकि गूगल द्वारा उसका एंड्रॉयड या अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम का नया संस्करण जारी करने से पहले ये कंपनियां अपने उपकरणों का अग्रिम निर्माण कर सकें।
इस तरह की मनमानी
सैमसंग को 2013 में उस वक्त भारी नुकसान सहना पड़ा, जब उसे गूगल ने अपने सॉफ्टवेयर के कस्टमाइज संस्करण का उपयोग गैलेक्सी गियर स्मार्टवॉच में करने से रोक दिया।
इसके चलते सैमसंग को टाइजेन नाम के छोटे ऑपरेटिंग सिस्टम का रुख किया लेकिन इसमें एप्लीकेशनों के अभाव में उसे छोड़ना पड़ा। इसके बाद कंपनी की नई स्मार्टवॉच में अब गूगल के वियर ऑपरेटिंग सिस्टम का ही इस्तेमाल होता है। एलजी को भी इसी तर्ज पर गूगल ने स्मार्ट स्पीकर जारी करने से रोक दिया था।
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