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बलूचिस्तान में कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने स्कूल वैन पर की अंधाधुंध फायरिंग, 4 शिक्षिकाएं घायल
Ritisha Jaiswal
21 Jun 2021 9:52 AM GMT
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पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में कुछ अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा एक स्कूल वैन पर की गई अंधाधुंध फायरिंग में चार शिक्षिकाएं घायल हो गई हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में कुछ अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा एक स्कूल वैन पर की गई अंधाधुंध फायरिंग में चार शिक्षिकाएं घायल हो गई हैं। ये वाकया दक्षिण पश्चिम बलूचिस्तान के मस्टंग जिले का है। जानकारी के मुताबिक ये वाकया उस वक्त पेश आया जब शनिवार को एक स्कूल वैन से चार शिक्षिकाएं क्लास लेकर अपने घर वापस जा रही थीं। तभी कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने वैन को चारों तरफ से घेर लिया और उस पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
इस घटना के साथ आस-पास के इलाके में दहशत फैल गई। शिन्हुआ एजेंसी के मुताबिक इस हमले में घायल सभी शिक्षिकाओं को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक सभी की हालत फिलहाल स्थिर है। घटना के बाद पुलिस ने सारे इलाके को घेरकर उसकी नाकाबंदी कर दी और बंदूकधारियों की तलाश तेज कर दी है। अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी भी संगठन ने नहीं ली है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में कई संगठन शिक्षा को सही नजर से नहीं देखते हैं। यही वजह है कि शिक्षिकाओं को इस हमले में चुनकर निशाना बनाया गया था। आपको याद होगा कि इसी तरह का हमला तालिबान ने अक्टूबर 2012 में मलाला यूसुफजई पर भी किया था। इस हमले में वो बुरी तरह से घायल हो गई थीं और उन्हें इलाज के लिए एयरलिफ्ट किया गया था। उनके साथ ये घटना खैबर पख्तनूंख्वां की स्वात घाटी में घटी थी। उस वक्त मलाला की उम्र 14 वर्ष की थी।
मलाला दूसरे नाम से बीबीसी के लिए ब्लॉग लिखती थी, जिसमें वो तहरीक-ए-तालिबान के अत्याचारों की जानकारी देती थी। आतंकी हमले के बाद वो अंतरराष्ट्रीय जगत की मीडिया की सुर्खियां बन गई थी। आपको बता दें कि वर्ष 2011 के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान में शिक्षा की दर महज 60 फीसद ही थी। शिक्षा के मामले में पाकिस्तान अपने सभी पड़ोसी मुल्कों में सबसे पीछे आता है। इस मामले में उससे कहीं आगे नेपाल, श्रीलंका, भारत, चीन भी है।
Ritisha Jaiswal
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