विश्व

सॉलिड वेस्ट रिसाइक्लिंग: दुनिया के लिए बड़ी समस्या, कचरे के संकट से मुक्ति के साथ, रोजगार के नए द्वार

Shiddhant Shriwas
27 July 2021 2:18 PM GMT
सॉलिड वेस्ट रिसाइक्लिंग: दुनिया के लिए बड़ी समस्या, कचरे के संकट से मुक्ति के साथ, रोजगार के नए द्वार
x
टेरी की सीनियर फेलो डॉ. शिल्पी कपूर बख्शी ने बताया कि कचरा पूरी दुनिया के लिए बड़ी समस्या बन रहा है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार इस समय दुनिया में प्रति वर्ष 201 करोड़ टन से ज्यादा ठोस कचरा पैदा हो रहा है। इसका एक तिहाई बेहद खतरनाक तरीके से वातावरण में फेंका जा रहा है, जो आने वाले समय में वातावरण के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। अनुमान है कि वर्ष 2050 तक ठोस कचरे का कुल उत्पादन बढ़कर 340 करोड़ टन तक पहुंच सकता है, जो दुनिया के लिए बड़ी समस्या बनकर उभर सकता है। लेकिन पर्यावरण विशेषज्ञों की राय है कि अगर इस ठोस कचरे को सही तरीके से निस्तारण की व्यवस्था की जाए तो यही कचरा एक नए विकसित उद्योग की जगह ले सकता है और यह रोजगार उपलब्ध कराने का एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है।

प्रति व्यक्ति ठोस कचरे का उत्पादन सबसे ज्यादा आर्थिक स्तर पर निर्भर करता है। गरीब वर्ग के लोग कम कचरा पैदा करते हैं, जबकि विकसित अर्थव्यवस्था में लोग प्रति व्यक्ति ज्यादा कचरा पैदा करते हैं। यह मात्रा 0.74 किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन से लेकर 4.54 किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन तक अलग-अलग है।

टेरी की सीनियर फेलो डॉ. शिल्पी कपूर बख्शी ने अमर उजाला को बताया कि कचरा पूरी दुनिया के लिए बड़ी समस्या बन रहा है, लेकिन अगर इसी का उचित प्रबंधन किया जाए तो यह रोजगार और आर्थिक तरक्की की नई संभावनाएं पैदा कर सकता है। भारत जैसे देश में जहां पर्याप्त सस्ता श्रम उपलब्ध है, अगर हाई क्वॉलिटी तकनीक का उपयोग कर रीसाइक्लिंग के बाद अच्छी गुणवत्ता के उपयोगी पदार्थ बनाए जा सकें, तो यही कचरा हमारे लिए नई संभावनाएं खोल सकता है।


Next Story